नयी दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के दौरान सदन से पास कृषि बिल का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है. इसी बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह ने मंगलवार 13 अक्टूबर को कृषि जगत से जुड़े विशेषज्ञों के साथ बैठक की. बैठक में कृषि विशेषज्ञों को तीन नए कृषि कानूनों से अवगत करवाया गया और उनकी राय भी ली गई.

हरियाणा में कृषि बिल से किसान खुश हैं!

बैठक के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुये आयुर्वेद रिसर्च फाउंडेशन सोनीपत से जुड़े मोहनजी सक्सेना ने कहा कि विरोध केवल राजनीति के लिए हो रहा है. हरियाणा में किसान वास्तव में कृषि कानूनों से खुश है. मोहनजी सक्सेना ने दावा किया कि नए कानून किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करते हैं. किसानों को देश भर में अपनी उपज स्वतंत्र रूप से बेचने की अनुमति मिली है. वे जिस कीमत पर चाहें अपनी उपज खुले बाजार में बेच सकते हैं.

अतिरिक्त मंडी शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा!

नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के एमडी संजीव चड्ढा ने कहा कि नया अधिनियम किसानों को कहीं भी अपनी उपज बेचने की आजादी देते हैं. इसे किसाने मंडियों द्वारा स्थापित छोटी मंडियों में भी बेच सकते हैं. किसानों को अतिरिक्त मंडी शुल्क का भुगतान भी नहीं करना होगा.

बीज उद्योग से जुड़े लाखों किसानों को फायदा!

नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एम प्रभाकर राव ने भी बैठक के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने कका कि नए कृषि कानून से बीज उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा. बीज उद्योग से जुड़े लाखों किसानों को इससे फायदा होगा.

विपक्ष ने बिल को बताया किसान विरोधी कदम

गौरतलब है कि हाल ही में मानसून सत्र में एनडीए सरकार ने तीन कृषि कानूनों को पास कराया. लेकिन विपक्ष इन कानूनों को किसान विरोधी बता रहा है. पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में किसानों ने इस बिल का विरोध किया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो हरियाणा में ट्रैक्टर रैली निकाली. हालांकि पीएम मोदी समेत कैबिनेट के कई मंत्री कह चुके हैं कि नए कृषि बिल से किसानों को फायदा मिलेगा.

Posted By- Suraj Thakur