‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
कुछ दिन पहले देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. इन पांच राज्यों में से तीन राज्यों में बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही. इन तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री को लेकर गहन चिंतन किया गया और कुछ ऐसे चेहरे सामने आए जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था. जीते गए तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों का चयन इस तरह से किया गया, जिसने दूसरे राज्यों की टेंशन बढ़ा दी है. महाराष्ट्र में बीजेपी के पुराने चेहरों के साथ-साथ सहयोगी पार्टियों में भी बीजेपी के इस फैसले के बाद हलचल तेज हो गई है. सब इसी बात की चर्चा कर रहे हैं कि यदि बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन अगले साल विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता में लौटता है तो महाराष्ट्र में क्या होगा?
बीजेपी ने पुराने चेहरों को नहीं दी तरजीह
जिस तरह से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने जीते गए तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों का चयन किया, उससे महाराष्ट्र बीजेपी में कई लोग परेशान हैं. उल्लेखनीय है कि तीनों राज्यों में पैटर्न समान था. प्रदेश में पुराने चेहरों को तरजीह नहीं दी गई. इसके बदले पार्टी ने नये चेहरों को प्रदेश की कमान सौंपी. यदि बीजेपी ने अपना ट्रेंड अन्य राज्यो में जारी रखा, तो शीर्ष पदों पर कई नए चेहरों के कार्यभार संभालने की संभावना नजर आने लगेगी. इससे राज्य बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं. पहला कदम अगले आम चुनाव के दौरान देखने को मिल सकता है. हिंदुस्तान टाइम्स ने इस बाबत खबर प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि कुछ मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी की ओर से निर्देश दिये जा सकते हैं. इसका मतलब उन्हें राज्य की राजनीति से बाहर लाना भी होगा.
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महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव इसी साल प्रस्तावित
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से खबर दी गई है कि, शीर्ष नेतृत्व मराठा आंदोलन के आसपास के घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है, जो राज्य में सभी राजनीतिक दलों के प्लान को प्रभावित कर सकता है. इसका सार यही है कि, जहां तक बीजेपी का सवाल है, अब कोई भी पार्टी के शीर्ष नेताओं को हल्के में नहीं ले सकता. अब ये तो देखना होगा कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की रणनीति क्या होगी. क्योंकि प्रदेश में एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी हैं जो अभी सीएम और डिप्टी सीएम के पद पर हैं. साल 2024 में महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित है. इसी साल लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं.