भारतीय सिनेमा जगत के पटकथा लेखक, गीतकार और कवि जावेद अख्तर ने हिंदुओं को लेकर एक टिप्पणी की है, जो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. जावेद अख्तर ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कुछ लोग असहिष्णु होते हैं, लेकिन हिंदू असहिष्णु नहीं है. जावेद अख्तर ने कहा कि हिंदुओं की खासियत ही ये है कि वे उदार और बड़े दिल वाले होते हैं. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप अपनी इस खासियत को खत्म ना करें. अगर आप यह करेंगे तो आप भी दूसरों की तरह बन जाएंगे. हमने आपसे उदारता और सहिष्णुता सीखा है, इसे खत्म ना करें.


हिंदुओं की वजह से लोकतंत्र है

जावेद अख्तर ने कहा कि हिंदुओं की वजह से ही देश में लोकतंत्र है. उन्होंने कहा कि अगर आप एक देवता को मानते हैं तो आप हिंदू हैं, अगर आप 32 करोड़ देवता को मानते हैं तो भी आप हिंदू हैं, अगर आप मूर्ति पूजा करते हैं, तो आप हिंदू हैं, अगर आप ईश्वर में विश्वास करते हैं, तो आप हिंदू हैं और अगर आप ईश्वर में विश्वास नहीं करते हैं, तब भी आप हिंदू हैं.

भारत में बोलने की आजादी है

जावेद अख्तर ने कहा कि यह हिंदू संस्कृति ही जिसकी वजह से भारत में लोकतंत्र जिंदा है, यहां हर किसी को अपने हिसाब से बोलने और सोचने की आजादी है. यह हिंदू सभ्यता ही है जिसने हमें लोकतांत्रिक दृष्टिकोण के साथ जीना सिखाया है. जावेद अख्तर ने कहा कि यह सोचना कि हम सही हैं और बाकी सब गलत हैं, यह हिंदुओं का काम नहीं है.

देश में इनटॉलरेंस बढ़ा

जावेद अख्तर अपने मित्र सलीम के साथ एक कार्यक्रम में कुछ सवाल के जवाब दे रहे थे. इस मौके पर जावेद अख्तर ने बताया कि अगर आज के समय में वे और सलीम शोले का पटकथा लिख रहे होते तो वे धर्मेंद्र और हेमा मालिनी पर फिल्माया गया मंदिर वाला सीन नहीं लिखते, इसकी वजह यह है कि आज समाज में इनटाॅलरेंस बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि पहले एक गाने में कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को बयान कर दिया जाता था, आज यह संभव नहीं है. ज्ञात हो कि शोले फिल्म का स्क्रीन प्ले सलीम-जावेद ने ही लिखा है. जावेद अख्तर हिंदी सिनेमा के लीजेंड माने जाते हैं इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है. साथ ही पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कार भी मिला है.

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