‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Lok Sabha Election 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी से अपना नामांकन किया. वे यहां तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. अपने नामांकन से पहले पीएम मोदी ने वाराणसी में पूजा-अर्चना की और एक टीवी चैनल से बातचीत भी की. इस दौरान वे अपनी मां को लेकर भावुक भी नजर आए और यह भी कहा कि मां के जाने के बाद अब गंगा माता ही उनकी मां हैं. पीएम मोदी ने 2014 में पहली बार वाराणसी से चुनाव लड़ा था और जीते थे, फिर दूसरी बार भी 2019 में वे यहां से चुनाव जीते और अब तीसरी बार वे वाराणसी से चुनवी मैदान में हैं. पीएम मोदी कई बार यह कह चुके हैं कि वे अब बनारस के ही हो गए हैं.
राजनीतिक जीवन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 में 74 साल के हो जाएंगे. उनका जन्मदिन 17 सितंबर है. प्रधानमंत्री की लोकप्रियता पूरे देश में है और वे देश के सबसे चर्चित नेताओं में से एक हैं. अगर हम उनके राजनीतिक जीवन पर नजर डालें, तो पाएंगे कि उन्होंने आठ वर्ष की उम्र में ही आरएसएस ज्वाइन कर लिया था. उस वक्त वे अपने पिता के साथ स्टेशन पर चाय का स्टाॅल लगाते थे. 1970 के आसपास वे आरएसएस के पूर्णकालिक सदस्य बन गए थे. 80 के दशक में वे बीजेपी के साथ जुड़े और सक्रिय राजनीति में कदम रखा. वे देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो आजादी के बाद पैदा हुए और इस पद तक पहुंचे हैं.
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2001 में पहली बार बने गुजरात के सीएम
पीएम नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के सीएम का पद पहली बार मिला, उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे. लेकिन उनकी छवि बिगड़ रही थी और सरकार पर कई तरह के आरोप भी लग रहे थे मसलन खराब प्रशासन और भ्रष्टाचार इत्यादि का. केशु भाई का स्वास्थ्य भी उन दिनों खराब चल रहा था, साथ ही प्रदेश में बीजेपी कुछ उपचुनाव को हार गई थी. इस विकट परिस्थिति में नरेंद्र दामोदर दास मोदी को गुजरात की कमान सौंपी गई. उस वक्त वे विधायक भी नहीं थे. नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में विकास कार्यों पर भरपूर जोर दिया और परिणाम यह हुआ कि जनता ने उन्हें लगातार चार बार प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना. 2002 के गुजरात दंगे के दौरान उनपर सवाल उठे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी. नरेंद्र मोदी ने गुजरात में विकास की जो गंगा बहाई उसके बल पर उन्हें देश की राजनीति में मौका मिला और 2014 में वे पीएम पद के उम्मीदवार बनाए गए. उन्होंने 2014 में बीजेपी को पहली बार पूर्ण बहुमत दिलाया. उनकी पार्टी को कुल 282 सीट मिले थे. वहीं 2019 के चुनाव में बीजेपी को 303 सीट पर विजय मिली थी.
पीएम मोदी के पास सिर्फ चार अंगूठी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि एक स्वच्छ प्रशासक की रही है. उनपर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है. उन्होंने 2019 के चुनाव में जो शपथपत्र दाखिल किया था, उसके अनुसार उनकी कुल संपत्ति दो करोड़ 51 लाख से कुछ अधिक बताई गई थी. उनके ऊपर कोई क्रिमिनल केस नहीं है और उनपर कोई डिपेंडेंट भी नहीं है. उनके पास मात्र 38. 750 रुपए कैश हैं और एक करोड़ 27लाख के करीब पैसे उन्होंने इंवेस्ट किए हैं, जो उनकी जमा पूंजी है. उनके पास कोई गाड़ी नहीं है और उनकी आय का स्रोत उनका सरकारी वेतन और बैंक से मिलने वाला ब्याज है. उनके नाम पर कोई लोन भी बैंक से नहीं लिया गया है और मात्र एक लाख के जेवरात उनके पास हैं, जिनमें चार अंगूठी शामिल है.
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