Kisan Andolan : दिल्ली के सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में एक बार फिर से जान आ गयी है. 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के बाद जहां किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ता दिख रहा था वहीं राकेश टिकैट (Rakesh Tikait) के आंसूओं ने उसमें फिर से जान फूंक दी है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को केन्द्र सरकार कृषि कानूनों को लेकर एक बार हमला बोला है. राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद किसानों को बताए कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकरा बताये कि वह कानून क्यों वापस लेना नहीं चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे. उन्होंने आगे सरकार से सवाल करते हुए कहा कि ‘सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?’ बता दें कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद खत्म होते दिख रहे आंदोलन राकेश टिकैट की वजह से एक बार फिर धार पकड़ रहा है.

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बता दें कि शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में हुई भाकियू की महापंचायत के बाद राकेश टिकैत के समर्थन में शनिवार को हजारों किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गये. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर दो फरवरी तक रिकॉर्ड संख्या में लोगों के एकत्र होने की उम्मीद है. भाकियू (राजेवाल) के अध्यक्ष राजेवाल ने कहा कि हम दिल्ली की सीमाओं पर 26 जनवरी से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है. वहीं उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 31 जनवरी को होनेवाली भाकियू की महापंचायत सीटेट परीक्षा के कारण अब एक फरवरी को होगी.