कृषि कानूनो के खिलाफ किसानों का आंदोलन कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार और किसानों के बीच हो रही बातचीत का भी कुछ परिणाम नहीं निकल पा रहा है. जहां एक ओर किसान इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं वह सरकार किसानों से बातचीत कर संशोधन में जोर दे रही है. अब तक सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है. कृषि मंत्री , रक्षा मंत्री के साथ भी बैठक हो चुकी है. इसके बाद सरकार ने लिखित प्रस्ताव भी दिया पर फिर भी किसान नहीं माने. इसके बाद गुरुवार को कृषि मंत्री ने एक बार फिर से अपना रूख स्पष्ट किया.

वहीं मोदी ने किसानों के रूख को देखते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया है और इस मामले को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह द्वारा किए गये प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियों लिंक को भी साझा किया है. पीएम मोदी ने लिखा, ‘मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है. इसे जरूर सुनें’.

गौरतलब है कि जब सरकार के लिखित प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया तब नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल खुद मीडिया के सामने आये थे और अपनी बात रखी थी. कृषि मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा था कि किसान एक बार फिर सरकार के प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं. सरकार के मन में किसी प्रकार का इगो नहीं है. सरकार खुले मन से किसानों के साथ वार्ता के लिए तैयार है.

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कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार ने पहले ही किसानों से वादा किया था कि सरकार किसानों की आमदनी को तीनगुणा बढ़ायेगी. इसक तहत किसानों को को लिए नया कृषि कानून लाया गया ताकि उनकी आय बढ़े. उन्होंने कहा कि कानून में इस यह बात स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि किसानों की जमीन हमेशा किसानों के पास ही रहेगी. इसकी सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा गया है.

अपनी बात रखते हए कृषि मंत्री ने सरकार की ओर से भरोसा दिया कि MSP में किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा साथ ही APMC मजबूत होगा. फिर भी अगर किसानों के मन में संशय है तो सरकार चर्चा के जरिये उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करेगी.

Posted By: Pawan Singh