तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने अब आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, भारत सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया है हम उसमें शामिल होंगे अगर सहमति नहीं बनी और हमारी मांग नहीं मांनी गयी तो भारत बंद रहेगा. किसानों ने अब आंदोलन तेज कर दिया है और सरकार से कहा है कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गयी तो हम आंदोलन और तेज करेगे.

किसान आंदोलन में शामिल किसानों ने कड़ा रुख अपना लिया है कल देशभर में किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकने की भी तैयारी कर ली है. किसानों का कहना है कि यह मांग सिर्फ एक राज्य के किसानों की नहीं है देशभर के किसान यही चाहते हैं.

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सिंधु बोर्डर पर किसानों ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, एमएसपी पर हमारी बात सरकार के साथ चल रही है हमारी एक ही मांग है तीनों कानूनों को वापस लिया जाये. अगर सरकारी हमारी मांग नहीं मानती है तो आंदोलन और तेज होगा. हमने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. इस दौरान सभी टोल प्लाजा बंद रहेंगे. दिल्ली आने वाले सभी रास्तों को भी बंद कर दिया जायेगा.

किसान नेताओं ने कहा, आज तमिलनाडु और कर्नाटक में किसान भाई प्रदर्शन कर रहे थे उन्हें भी दिल्ली आने के लिए कह दिया गया है. हम पूरे देश से किसानों को दिल्ली बुला रहे हैं. लड़ाई लंबी चलेगी औऱ आर पार की होगी . हमारे पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है.

किसान नेता ने कहा, हमें कॉरपोरेट फार्मिंग किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है. हम सरकार कोई कोई समय नहीं दे रहे ना ही चुनौती ना ही चेतावती हम बता रहे हैं कि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगी .

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हर राज्य से किसान दिल्ली कूच करेगा. लोगों में सरकार के प्रति अब गुस्सा भर रहा है. कर्नाटक, बंगाल में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं किसी सरकार की हिम्मत नहीं है कि इस आदोलन को पीछे कर सके.