‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
केरल में निपाह वायरस के दस्तक से पूरे राज्य में भय का माहौल बन गया है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा कि सरकार दो लोगों की मौत को गंभीरता से ले रही है और स्वास्थ्य विभाग ने इन मौत का कारण निपाह वायरस का संक्रमण होने के संदेह के चलते जिले में अलर्ट जारी किया है. उन्होंने कहा कि चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मृतकों के निकट संपर्क में आए लोगों का उपचार जारी है.
दो लोगों की मौत से केरल में हड़कंप, निपाह वायरस के संक्रमण की आशंका
स्वास्थ्य अधिकारियों को कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में हुई दो अप्राकृतिक मौतों के पीछे निपाह वायरस संक्रमण होने का संदेह है. अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी और कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है. जो मृतक के निकट संपर्क में थे उनका इलाज चल रहा था.
निपाह वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए पांच नमूने जांच के लिए भेजे गए
केरल सरकार ने कोझिकोड जिले में दो लोगों की अप्राकृतिक मौत का पता चलने के बाद पांच नमूने जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे हैं, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि ये नमूने निपाह वायरस से संक्रमित हैं या नहीं. केरल स्वास्थ्य विभाग ने दो लोगों की मौत के बाद सोमवार को कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के संबंध में जिला स्तरीय अलर्ट जारी किया. ऐसा संदेह है कि इन लोगों की मौत निपाह वायरस से संक्रमित होने के कारण हुई. जांच के लिए जो नमूने विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं, उनमें से एक नमूना मृतक का और चार उसके संबंधियों के हैं.
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने स्थिति की समीक्षा की
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज जिले में पहुंचीं और उन्होंने स्थिति का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और मीडिया को बताया कि सरकार सभी एहतियाती कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि पहली मौत एक निजी अस्पताल में हुई थी और मृतक के बच्चों, भाई और उसके रिश्तेदारों का बुखार से पीड़ित होने के कारण उपचार किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि अस्पताल में कई लोग आए थे और मृतक या उसके परिजन के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की कोशिश जारी है.
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2018 और 2021 में भी केरल में निपाह से गई थी कई लोगों की मौत
कोझिकोड जिले में 2018 और 2021 में भी निपाह वायरस से मौत के मामले सामने आए थे. दक्षिण भारत में निपाह वायरस का पहला मामला 19 मई 2018 को कोझिकोड में सामने आया था.
क्या है निपाह वायरस
निपाह वायरस के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह ने पता लगाया था. उसी के बाद इस वायरस का नाम निपाह पड़ा. बताया जाता है, उस समय सुकर पालक किसान को मस्तिष्क ज्वर हुआ था. जिसके के बाद इस वायरस का वाहक सुकर को माना गया. सिंगापुर में भी इसके बारे में 1999 में पता चला था. ये सबसे पहले सुकर, चमगादड़ या अन्य जीवों को प्रभावित करता है. इसके बाद संपर्क में आने वाले मनुष्यों को भी चपेट में ये लेता है.
कैसे फैलता है निपाह
निपाह वायरस चमगादड़, सुकर या अन्य NiV संक्रमित लोगों से सीधे संपर्क में आने से फैलता है. यह इंफेक्शीन फ्रूट बैट्स या flying foxes के माध्यम से भी प्रसारित होता है जो हेंड्रा और नेपाह वायरस के प्राक्रतिक संग्रह के समुदाय हैं. ये वायरस चमगादड़ के मल-मूत्र, लार में मौजूद होता है.