कोई भी राजनीतिक दल नेताओं को स्वतंत्रता नहीं देता है जो भारतीय संसद के लिए दुर्भाग्यपू्र्ण है. दुनिया भर में किसी भी अन्य संसद में व्हिप की कोई अवधारणा नहीं है. हमारा दृष्टिकोण अलग हो सकता है लेकिन हम उन्हें व्यक्त नहीं कर सकते हैं और अक्सर एक पार्टी में सीमित रहते हैं. ये बात कपिल सिब्बल (kapil sibal) ने कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर मीडिया से वार्ता के दौरान कहा.


कांग्रेस की विचारधारा के साथ है पूरा विपक्ष

कपिल सिब्बल ने कहा कि हम सभी कांग्रेस की विचारधारा (congress ideology) को मानते हैं जो एक समावेशी भारत की विचारधारा है. यह पूरे विपक्ष की विचारधारा है और हम उसी के आधार पर आगे बढ़ेंगे. सिब्बल ने यह भी बताया कि उन्होंने गत 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.

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प्रसाद ने लिखा प्रसाद कैसा है

भाजपा नेता जितिन प्रसाद ने कपिल सिब्बल के एक ट्वीट को शेयर करते हुए कहा कि प्रसाद कैसा है मिस्टर सिब्बल. दरअसल, जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद कपिल सिब्ब्ल ने जितिन प्रसाद पर तंज कसते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि जितिन प्रसाद ने भाजपा ज्वाइन किया. अब सवाल ये है कि उन्हें प्रसाद मिलेगा या फिर वह सिर्फ यूपी इलेक्शन के लिए कैच साबित होंगे. ऐसे सौदों में अगर ‘विचारधारा’ मायने नहीं रखती है तो बदलाव आसान होता है.

लगातार बिखरती नजर आ रही कांग्रेस

चुनावी हार और दरकते जनाधार के चलते जहां एक तरफ कांग्रेस लगातार बिखरती नजर आ रही तो करीब दो साल पहले पार्टी में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग करने वाला ‘जी 23′ भी बिखरता दिख रहा है. कांग्रेस में इस समूह के उभरने के दो साल के भीतर इसके तीन सदस्य पार्टी को अलिवदा कह चुके हैं. इसमें नया नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का है. सिब्बल से पहले जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री ने कांग्रेस छोड़ अलग राह पकड़ ली थी.