उत्तराखंड के जोशीमठ की हालत बद से बदतर होती जा रही है. जोशीमठ के चारों ओर बने घरों और बिल्डिंगों में दरारों के बाद लोग अपने आवास को छोड़ने पर मजबूर है. वहीं, सरकार और प्रशासन डैमेज घरों को चिन्हित कर उसे गिराने का काम कर रही है. इसी कड़ी में आज यानी गुरुवार को प्रशासन की ओर से दो होटलों को गिराया जा रहा है. प्रशासन का हथोड़ा होटल मलारी इन पर चलना शुरू हो गया. बता दें, भूमि धंसने के कारण होटल की इमारत में खतरनाक रूप से दरारें पड़ गई हैं.  

बता दें, जोशीमठ में दो होटलों में एक सात मंजिला मलारी इन और पांच मंजिला माउंट व्यू में दरार आने के बाद दोनों एक दूसरे की ओर खतरनाक तरीके से झुक गए हैं. इन दोनों होटलों के नीचे स्थित करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं. ऐसे में होटलों को यांत्रिक तरीके से ढहाने का निर्णय किया गया है. हालांकि, होटल मालिकों और स्थानीय लोगों के बदरीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा देने के लिए धरना प्रदर्शन के चलते यह कार्रवाई देर से शुरू हुई.

आपात से निपटने के लिए सेना का हेलीकॉप्टर तैयार: उत्तराखंड के जोशीमठ में घरों और बिल्डिंगो में आ रही दरार के बाद इलाके को खाली कराया गया है. वहीं, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा है कि लोगों को इलाके से दूर हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राहत कार्य में अगर कोई बुरी स्थिति आती है तो सेना के हेलीकॉप्टर को स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है. उसके अलावा आपदा प्रबंधन विभाग का हेलीकॉप्टर भी स्टैंडबाय मोड पर है. उन्होंने कहा कि अनहोनी से निपटने के लिए सेना की यूनिट भी तैयार है.

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव ने यह भी बताया कि आपदा राहत कार्यों के लिए एसडीआरएफ की आठ टीमें जोशीमठ में तैनात की गई हैं. जबकि एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात हैं. उन्होंने कहा कि 169 परिवारों के 589 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. अब तक 73 परिवारों को सामान्य खर्च के लिए 5000 रुपये प्रति परिवार की सहायता राशि दी गई है. SDRF प्रावधानों के अनुसार 10 परिवारों को 130000 रुपये प्रति परिवार प्रदान किए गए.

इससे पहले भूधंसान से ग्रस्त जोशीमठ में ताजा स्थिति का जायजा ले रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ है और उनकी हर संभव मदद भी करेगी. धामी बुधवार देर रात तक जोशीमठ में राहत शिविरों का दौरा करते रहे, इसदौरान उन्होंने वहां रह रहे लोगों से बातचीत भी की. इसी दौरान उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावितों के साथ है और सभी अधिकारियों को लोगों को हर संभव मदद देने के आदेश दिए गए हैं.

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गौरतलब है कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भू-धंसाव प्रभावित के तौर पर चिह्नित किया गया है. इनमें से अब तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में भेजा गया है. इस बीच, जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए अंतरिम पैकेज के वितरण और पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित करने को लेकर चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है.
भाषा इनपुट के साथ