Jagannath Rath Yatra, corona virus in india: देश में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ओडिशा में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकालने पर लगी रोक के फैसले के खिलाफ भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. पुरी से लोकसभा चुनाव लड़ चुके संबित पात्रा ने अनुरोध किया है कि वह कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पुरी की भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा पर रोक लगाने वाले अपने आदेश की समीक्षा करे. मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है. इधर, इस मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने वार्षिक रथ यात्रा मामले का जिक्र किया और कहा, कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए इसे सार्वजनिक भागीदारी के बिना आयोजित किया जा सकता है.

भाजपा प्रवक्ता ने याचिका दाखिल कर कहा है कि भगवान जगन्नाथ के उन 800 सेवायतों के माध्यम से भक्तों की मंडली के बिना रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति दी जा सकती है, जो सेवायत कोविड टेस्ट में निगेटिव आते हैं. मामले की सुनवाई आज होनी है. पुरी रथयात्रा पर रोक के खिलाफ 20 से ज्यादा याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है. उल्लेखनीय है कि यह रथयात्रा 23 जून से शुरू होनी है.

पात्रा ने ट्वीट किया है, आज मैंने उच्चतम न्यायालय के पुराने आदेश पर स्पष्टीकरण/समीक्षा के लिए एक अर्जी दी है और 23 जून को पुरी में श्री जगन्नाथ महाप्रभु की पवित्र रथ यात्रा की अनुमति देने का अनुरोध किया है. बता दें कि ओडिशा कैबिनेट ने भी रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का फैसला किया है.

ओडिशा सरकार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस साल पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आयोजित नहीं कराएगी. ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक में लिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा था

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हम इस साल रथ यात्रा की अनुमति देंगे तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे. महामारी के दौरान इतना बड़ा समागम आयोजित नहीं हो सकता है. न्यायालय ने आगे कहा कि नागरिकों की सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित को ध्यान में रखते हुये इस साल पुरी में रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती.भारत के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये फैसला सुनाया था.

Posted By: Utpal kant