‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : भारत और चीन के बीच पूर्व लद्दाख में जारी तनाव अब भी कम नहीं हुए हैं. चीन के किसी भी मंसूबे को नाकाम करने के लिए भारतीय सैनिक हमेशा तैयार हैं. भारत ने चीन से सटे सीमा पर अपनी स्थिति लगातार मजबूत करता जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के किसी भी चाल का डटकर जवाब दिया जाए.
इधर खबर है कि लद्दाख में जाड़े में जब तापमान माइनस 45 डिग्री तक पहुंच जाता है, तब भी भारतीय सैनिक सीमा पर डटे रहेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन कभी भी धोखा दे सकता है. सेना के सूत्रों ने बताया, चीन की तैयारियों से ऐसा लगता है कि जाड़ों में भी वो जमे रहने की तैयारी में आये हैं. लेकिन भारत ने भी चीनी सैनिकों को पूरी तरह से जवाब देने के लिए तैयारी की ली है.
भारत के साथ उचित तरीके से मतभेद सुलझाने के लिए तैयार : चीन
लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन की ओर से बयान आया कि वह आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने, अपने मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की. पश्चिमी मीडिया के एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर चीन की प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने देश की संप्रभुता को चुनौती देने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया. मोदी ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘एलओसी से एलएसी तक’ देश की संप्रभुता को चुनौती देने वालों को सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है.
Also Read: Baramulla Attack : बारामूला आतंकी हमले में मारा गया लश्कर का टॉप कमांडर सज्जाद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, एलओसी (नियंत्रण रेखा) से एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया गया. एक सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ ने कहा, हमने प्रधानमंत्री के संबोधन का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा, हम करीबी पड़ोसी हैं, एक अरब से ज्यादा आबादी के साथ हम उभरते हुए देश हैं. इसलिए द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति ना केवल दोनों देशों के लोगों के हित में है बल्कि यह क्षेत्र और समूचे विश्व की स्थिरता, शांति और समृद्धि के हित में भी है.
झाओ ने कहा, दोनों पक्षों के लिए सही रास्ता एक दूसरे का सम्मान और समर्थन करना है क्योंकि यह हमारे दीर्घकालिक हितों को पूरा करता है. प्रवक्ता ने कहा, इसलिए चीन आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने, मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और व्यावहारिक सहयोग तथा दीर्घावधि में द्विपक्षीय संबंधों के हितों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra