‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : भारत ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड एवं लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में पाकिस्तानी अदालत द्वारा 15 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की आंखों में धूल झोंक रहा है. उसने कहा कि महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठकों से पहले हास्यास्पद कदम उठाना पाकिस्तान की फितरत हो गई है.
लखवी को दी गई सजा और एक अन्य पाकिस्तानी अदालत द्वारा आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय ने यह प्रतिक्रिया जाहिर की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से उठाए गए ये कदम साफ दिखाते हैं कि उसका मकसद फरवरी 2021 में एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) की पूर्ण बैठक और एपीजेजी (एशिया प्रशांत संयुक्त समूह) की बैठक से पहले अनुपालन की भावना को दर्शाना है.
श्रीवास्तव ने कहा कि महत्वपूर्ण बैठकों से पहले इस प्रकार के हास्यास्पद कदम उठाना पाकिस्तान के लिए आम बात हो गई है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठन और घोषित आतंकवादी पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के भारत विरोधी एजेंडे को पूरा करने के लिए उसके परोक्ष माध्यम के रूप में काम करते हैं. पाकिस्तान को जवाबदेह बनाना और यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की जिम्मेदारी है कि वह आतंकवादी संगठनों, आतंकवाद के बुनियादी ढांचों और आतंकवादियों के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करे.’
बता दें कि पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में शुक्रवार को 15 साल जेल की सजा सुनाई है. इससे पहले, गुजरांवाला में एक आतंकवाद रोधी अदालत ने गुरुवार को अजहर के खिलाफ आतंक के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
Posted By : Vishwat Sen