भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर साइबर हमले की चेतावनी देते हुए लोगों से इससे बचने के लिए कहा है. सरकार ने चेतावनी दी है कि लोगों की निजी जानकारियां चुराने के लिए बड़े पैमाने पर फिशिंग साइबर अटैक किया जा सकता है. भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम (सर्ट) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ये हमला रविवार को किया जा सकता है.

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भारत के सूचना प्राद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाले विभाग सर्ट की ओर से कहा गया है कि ‘दुर्भावनापूर्ण इरादे रखने वाले लोग’ आज साइबर हमला कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि इस फिशिंग अभियान के तहत भारत के आधिकारिक ईमेल जैसे दिखने वाले ईमेल से कोविड-19 महामारी से जुड़े ईमेल भेजकर निजी जानकारियां चुराई जा सकती हैं.

सर्ट के सलाह में कहा गया है कि ऐसे साइबर हमलावरों के पास 20 लाख लोगों के ईमेल आइडी हो सकते हैं और वे ईमेल भेजने की योजना बना रहे हैं जिनमें विषय की जगह लिखा हो सकता है – दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद में सभी नागरिकों के लिए कोविड-19 की जांच मुफ्त. अभी हाल ही में खुफिया एजेंसियों ने भी भारतीय रेलवे के नेटवर्क पर साइबर हमले को लेकर चेताया था.


फिशिंग साइबर अटैक मतलब क्या

फिशिंग साइबर हमले के तहत लोगों को फर्जी वेबसाइटों की ओर लाया जाता है और फिर उनका डाटा चुरा लिया जाता है. इसमें निजी जानकारियों के अलावा वित्तीय जानकारियां भी होती हैं.ये मैसेज ऐसे लगते हैं जैसे किसी भरोसेमंद संस्थान या व्यक्ति की ओर से भेजे गए हैं, लेकिन वास्तव में ये लोगों के कंप्यूटर पर किया गया साइबर हमला होता है.

साइबर हमले से बचने के लिए क्या करें?

  • अनजाने मेल के अटैचमेंट न खोलें. मेल में अगर कोई यूआरएल दिया हो तो उस पर भी क्लिक न करें. अगर यूआरएल देखने में सही लगता है तो मेल को बंद करके ब्राउजर से सर्च करके वेबसाइट पर जाइए. उसी लिंक से न खोलें.

  • जिन मेल्स पर संदेह हो उनको डिलीट कर दें और उस पते को ब्लॉक कर दें.

  • अपने ई-मेल को एनक्रिप्ट करें. अपने साथी यूजर्स को भी मेल एनक्रिप्ट करने के लिए कहें.

  • फिशिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले डोमेन का खास ध्यान रखें. मिलती जुलती स्पेलिंग, स्पेलिंग में गड़बड़ियों पर पैनी नजर रखें. ऐसे मेल को न खोलें.

  • अपने स्पैम फिल्टर को अपडेट करें और ताजा स्पैम मेल को अपडेट करें.

  • किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में incident@cert-in.org.in पर जाकर रिपोर्ट करें.

Posted By: Utpal kant