India Canada Conflict : भारत और कनाडा के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. राजनयिक तनातनी के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि भारत सरकार ने इस सप्ताह जो कार्रवाई की, वह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है. कनाडा के आरोप का भारत की ओर से करारा जवाब दिया गया है. भारत के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि मामले में अंतरराष्ट्रीय नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ. नई दिल्ली और ओटावा में राजनयिक उपस्थिति में समानता लाने के लिए पिछले महीने से कनाडा से बातचीत जारी है. इस समानता को लागू करने की प्रक्रिया पूरी तरह से वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 11.1 के अनुरूप ही है.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने क्या कहा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत सरकार की ओर से जो कार्रवाई की गई है, वह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है. भारत सरकार ने भारत में 40 कनाडाई राजनयिकों की राजनयिक प्रतिरक्षा को एकतरफा रद्द करने का फैसला किया. यह वियना कन्वेंशन का उल्लंघन है…इसके बारे में दुनिया के सभी देशों को चिंतित होना चाहिए. कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की कथित हत्या करके अंतरराष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघन के हमारे आरोपों को भारत सरकार खारिज कर रही है…भारत सरकार ने भारत में काम कर रहे 40 राजनयिकों की राजनयिक प्रतिरक्षा रद्द करने का फैसला किया…भारत सरकार भारत और कनाडा में रहने वाले लाखों लोगों के सामान्य जीवन को कठिन बना रही है, भारत सरकार कूटनीति के बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन करके ऐसा कर रही है.

भारत के आदेश के बाद कनाडा ने 41 राजनयिकों को वापस बुलाया

भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों की देश से वापसी को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में पेश करने की कनाडा की कोशिशों को शुक्रवार को खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोतरफा राजनयिक समानता सुनिश्चित करना पूरी तरह से राजनयिक संबंधों को लेकर हुई वियना संधि के प्रावधानों के अनुरूप है. हम समानता के कार्यान्वयन को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में पेश करने के किसी भी प्रयास को खारिज करते हैं. भारत की यह टिप्पणी कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली द्वारा भारत से राजनयिकों की वापसी की घोषणा के बाद आयी है. जोली ने कहा कि भारत ने दिल्ली में सेवारत 21 कनाडाई राजनयिकों को छोड़ अन्य की राजनयिक छूट हटाने की औपचारिक रूप से जानकारी दी है.

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दरअसल, भारत ने पिछले महीने कनाडा से देश में अपने राजनयिक कर्मियों की संख्या कम करने को कहा था. कहा था कि राजनयिकों की संख्या व रैंक में आपस में समानता होनी चाहिए. कनाडा में सेवारत भारतीय राजनयिकों की संख्या की तुलना में भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या अधिक है. गौरतलब है कि एक सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के विवादित बयान के बाद दोनों पक्षों के बीच राजनयिक तनाव पैदा गया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और निहित स्वार्थ से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था. भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था.

भाषा इनपुट के साथ