‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
India Gathbandhan: लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण शनिवार को संपन्न हो गया है. चार जून को मतगणना होगी. ऐसे में मतगणना के दिन और मतगणना के बाद की रणनीति तय करने के लिए शनिवार को इंडिया गठबंधन की एक अहम बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई. लगभग 2.30 घंटे तक चली बैठक में मतगणना के दिन विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं काे सतर्क रहने, ईवीएम और फार्म 17 सी को लेकर जागरूक रहने को लेकर चर्चा की गयी. बैठक में सभी राज्यों के चुनाव की समीक्षा की गयी और राज्यों के संभावित परिणाम पर भी विचार किया गया.
इंडिया गठबंधन 295 से अधिक सीटों पर करेगा जीत दर्ज
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गयी. मतगणना के दिन की तैयारियों को लेकर भी विचार किया गया ताकि किसी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर इंडिया गठबंधन को कम से कम 295 सीटें मिलना तय है. यह हमारा नहीं आम जनता का एग्जिट पोल है और यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. देश में बदलाव की साफ तस्वीर दिख रही है और चार जून तक सभी को सतर्क रहना होगा.
एग्जिट पोल की बहस में शामिल होगा इंडिया गठबंधन
शुक्रवार को कांग्रेस ने तय किया था कि एग्जिट पोल की बहस में पार्टी के प्रवक्ता शामिल नहीं होंगे. कांग्रेस के इस फैसले को लेकर भाजपा ने कहा कि चुनाव परिणाम की घोषणा से पहले ही कांग्रेस ने हार मान ली है. लेकिन शनिवार को इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद तय किया गया कि विपक्षी दल के नेता एग्जिट पोल पर होने वाली बहस में शामिल होंगे ताकि भाजपा को दुष्प्रचार का मौका नहीं मिल सके. खरगे ने कहा कि भाजपा और उनके साथी दल एग्जिट पोल पर बहुत तरह की चर्चा करेंगे. ऐसे में लोगों में भ्रम नहीं हो और असल बात लोगों को पता चले इसलिए बहस में शामिल होने का निर्णय लिया गया है.
कौन से दल हुए शामिल
इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई भी शामिल नहीं हुआ. इस बैठक में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी के अलावा शरद पवार, डीएमके की ओर से टीआर बालू और अन्य नेता शामिल हुए.