नयी दिल्ली : भारतीय वायुसेना को पूर्वोत्तर में चीन सीमा पर 26 जुलाई तक अपने दूसरे राफेल लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन को शुरू कर देगा. सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि राफेल विमान जो पहले ही अंबाला पहुंच चुका है, अगले कुछ दिनों में हाशिमारा एयरबेस के लिए फेरी लगाना शुरू कर देगा और स्क्वाड्रन 26 जुलाई तक चालू हो जायेगा.

मुख्य रूप से 101 स्क्वाड्रन हाशिमारा में चीन स्थित पूर्वी सीमा की देखभाल के लिए जिम्मेदार होगा. वहीं, अंबाला में 17 स्क्वाड्रन लद्दाख में चीन के साथ उत्तरी सीमाओं और पाकिस्तान के साथ अन्य क्षेत्रों की देखभाल करेगा.

वायु सेना को फ्रांस से लगभग 25 विमान प्राप्त हुए हैं. वहीं, अगले कुछ महीनों में और अधिक विमान आने की उम्मीद है. मालूम हो कि भारत ने 2016 में दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमान राफेल के 36 विमानों का ऑर्डर दिया था.

मालूम हो कि भारत में आने के कुछ दिनों के भीतर जुलाई में विमानों को पहले ही सेवा में चालू कर दिया गया है. उन्हें पहले ही चीन के साथ पूर्वी मोर्चे पर हवाई गश्त के लिए तैनात किया जा चुका है. नया स्क्वाड्रन पहले से ही तैनात एसयू -30 स्क्वाड्रन के बेड़े के साथ काम करेगा.

भारत अब स्वदेश में विकसित स्टील्थ फाइटर्स एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के साथ 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के ऑर्डर देने की योजना बना रहा है. इसके सात स्क्वाड्रन में अगले 15-20 वर्षों में वायुसेना में शामिल किये जायेंगे.

सितंबर में विमानों को औपचारिक रूप से शामिल किये जाने के बाद, राफेल लड़ाकू जेट का दूसरा सेट नवंबर में भारत पहुंचा है. दो इंजन वाले राफेल जेट जमीन और समुद्री हमले, वायु रक्षा, टोही और परमाणु हमले की रोकथाम के विभिन्न मिशनों को अंजाम देने में सक्षम हैं.