‘मुसलमान भी पहले हिंदू ही थे’. भारत में धर्मों के ऐतिहासिक संदर्भ की चर्चा करते हुए यह बात पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने की है. उनका धर्म पर दिया गया बयान तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस देश में हर कोई हिंदू के रूप में पैदा हुआ है.

हिंदू धर्म अत्यंत प्राचीन : गुलाम नबी आजाद

एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, हमारे हिंदुस्तान में इस्लाम 1500 साल पहले आया है. हिंदू धर्म बहुत पुराना है. कुछ मुसलमान बाहरी मूल से आए होंगे और मुगल सेना में सेवा की होगी. इसके बाद भारत में लोग हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हो गए. और उसकी मिसाल हमारी कश्मीर है. जहां 600 साल पहले लोगों के इस्लाम में परिवर्तित होने से पहले आबादी मुख्य रूप से कश्मीरी पंडितों की थी. उन्होंने आगे कहा, यह मुझे इस बात की पुष्टि करने के लिए प्रेरित करता है कि सभी शुरू में हिंदू विरासत के साथ पैदा हुए हैं. चाहे हिंदू, मुस्लिम, राजपूत, ब्राह्मण, दलित, कश्मीरी या गुज्जर हों हम सभी इस मातृभूमि का हिस्सा हैं. हमारी जड़ें इस भूमि में हैं. उन्होंने कहा, भारत में हिंदू धर्म इस्लाम से भी बहुत पुराना है. हमारे देश में मुसलमान हिंदू से धर्मांतरण के कारण हैं और कश्मीर में सभी मुसलमान कश्मीरी पंडितों से धर्मांतरित हुए हैं. सभी का जन्म हिन्दू धर्म में ही हुआ है.

पिछले साल कांग्रेस से अलग हुए गुलाम नबी आजाद

गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस से करीब पांच दशक पुराने संबंध को तोड़ लिया था और बाद में अपनी नयी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) का गठन कर लिया. उनके इस्तीफे को कांग्रेस के लिए भारी नुकसान बताया गया था. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी और खासकर राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा था. कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, अगर आप दूसरे राजनीतिक दलों के लोगों से मिलते हैं और उनसे बात करते हैं तो इससे आपका डीएनए नहीं बदल जाता है. राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह पंरपरा है कि जब सदन के सदस्यों का कार्यकाल पूरा होता है तो सभी दलों के नेता इस मौके पर अपनी बात रखते हैं. उनका यह भी कहना था कि समय के साथ भारत की मिलीजुली संस्कृति बदल गई. आजाद ने कहा, हिंद और मुसलमान साथ रहते हैं…यह असामान्य बात नहीं है कि हिंदू अरबी और मुसलमान गीता का अध्ययन करते हैं. यही भारत की मिलीजुली संस्कृति रही है.

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जम्मू-कश्मीर के लोगों की नौकरी, भूमि अधिकार सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष जारी रखेगी डीपीएपी: आजाद

पिछले दिनों डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर के लोगों की नौकरियों और जमीन पर अधिकार सुरक्षित करने की राजनीतिक लड़ाई जारी रखेगी. पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अगले विधानसभा चुनाव में डीपीएपी जीत दर्ज करती है और सरकार बनाती है तो वह विकास और भ्रष्टाचार मुक्त शासन पर ध्यान केंद्रित करेगी. आजाद ने कहा, जम्मू-कश्मीर लौटने का मेरा उद्देश्य आम लोगों की सामाजिक-राजनीतिक मुक्ति से जुड़ा है. हम स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां और भूमि अधिकार सुरक्षित करने के लिए अपनी राजनीतिक लड़ाई जारी रखेंगे.

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