नयी दिल्ली : निर्भया गैंगरेप के दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने फांसी से बचने के लिए अब दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं. दोषी पवन ने अपने वकील के माध्यम से दाखिल याचिका में कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. उसने इस मामले में एकमात्र गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे. दाखिल याचिका में दावा किया है कि वह एक गवाह है और उसका बयान विश्वसनीय नहीं हैं. लेकिन बृहस्पतिवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर दिया

निर्भया के दोषी पवन गुप्ता ने अपने सारे विकल्प खतम होने के बाद फांसी से बचने के लिए नए तरीके अपना रहा हैं. उसने मड़ोली जेल में दो पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया हैं.कोर्ट में शिकायत दर्ज कर उसने कहा मारपीट से उसके सिर में गंभीर चोट आयी हैं. कोर्ट ने इस मामले में जेल प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी

बता दें,कि पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा की अदालत ने इस मामले में कई उतार-चढ़ाव के बाद चौथी बार डेथ वारंट जारी करते हुए तिहाड़ जेल को निर्धारित तारीख व समय पर फांसी पर लटकाने के निर्देश दिए हैं यानी निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी दी जानी है