हाथरस कांड LIVE : हाथरस कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश होने के लिए पीड़ित परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच पहुंच चुका है. लखनऊ बेंच के बाहर सुरक्षा के सख़्त इंतज़ाम किये गये हैं. बता दें कि कड़ी सुरक्षा के बीच पीड़ित के परिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad Highcourt) की लखनऊ पीठ के समक्ष लाया गया है. हाथरस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश होने के लिए पीड़िता के परिवार को आज पूरी सुरक्षा में लखनऊ लाया गया है. लखनऊ के लिए निकलने से पहले एसडीएम अंजली गंगवार ने कहा कि मैं भी पीड़िता परिवार के साथ जा रही हूं. उनकी सुरक्षा को लेकर पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं. डीएम और एसपी भी हमारे साथ है. पीड़ित परिवार को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ पीठ के समक्ष पेश किया जायेगा.

हाथरस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश होने के लिए पीड़िता के परिवार को आज पूरी सुरक्षा में लखनऊ लाया जा रहा है. इस वक्त परिवार लखनऊ के रास्ते पर हैं. 2:30 बजे हाईकोर्ट में उन्हें पेश किया जायेगा

न्यायालय ने मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) और हाथरस के जिला अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को भी तलब किया है. राज्य सरकार ने अपर महाधिवक्ता वीके साही से कहा है कि वह उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए अदालत में मौजूद रहें. हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने रविवार को बताया “हाथरस के पीड़ित परिवार की अदालत में हाजिरी के लिए नोडल अफसर नियुक्त किए गए जिला जज उच्च न्यायालय के संपर्क में हैं.

वहीं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ हुई कथित सामूहिक बलात्कार की घटना की जांच अपने हाथ में ले ली है और इस संबंध में रविवार सुबह प्राथमिकी दर्ज की. इस युवती की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी .

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने रविवार सुबह भारतीय दंड संहिता की सामूहिक बलात्कार और हत्या से संबंधित धाराओं समेत अन्य धाराओं और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की.

उन्होंने बताया कि एजेंसी ने यह मामला गाजियाबाद इकाई को सौंपा है और अब इसकी जांच एक विशेष दल करेगा. कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को मौत हो गई थी. इसके बाद जिला प्रशासन के कथित दबाव में लड़की का जल्दबाजी में रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था.

घटना में लड़की के गंभीर रूप से घायल होने और उसकी मृत्यु के बाद प्रशासन द्वारा उसका देर रात कथित जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किए जाने पर लोगों में बहुत रोष था जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली से लेकर हाथरस तक राजनीतिक घमासान शुरू हो गया. पुलिस के बयान में जब यह कहा गया कि घटना में बलात्कार के कोई सबूत नहीं मिले हैं तो राजनीतिक घमासान और भी बढ़ गया. जनता की नाराजगी और विपक्ष के विरोध के बाद राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की.

Posted By: Pawan Singh