नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंध बेहतर नहीं बनाए तो उसका हश्र गाजा जैसा होगा. अपने बयान के दौरान उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने कहा था कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं. अगर हम अपने पड़ोसियों के साथ मित्रवत रहेंगे तो दोनों प्रगति करेंगे. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत के अगर पड़ोसियों से अच्छे संबंध होंगे तो दोनों तरक्की करेंगे. लेकिन अगर पड़ोसियों से भारत के संबंध तल्ख होंगे तो विकास इससे प्रभावित होगा.

केंद्र सरकार पर कटाक्ष
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है और सारे मामलों की बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाना चाहिए. फारुख ने कहा कि कहां है बातचीत? उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और वे कह रहे हैं कि हम भारत के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या कारण है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं ? यदि हम बातचीत के माध्यम से कोई समाधान नहीं ढूंढते हैं, तो हमारा हश्र गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही होगा जिन पर इजरायल बमबारी कर रहा है.

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए फारुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है. दिनों दिन आतंकी घटनाओं में इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा कि आज देश में जातिवाद के नाम पर अलगाव होने लगा है. ऐसे में भारत को अपने पड़ोसियों से बातचीत की नई पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं, अब हमें भी आगे बढ़ना चाहिए.

बातचीत के लिए पाकिस्तान है तैयार- फारूक
एएनआई से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और वे कह रहे हैं कि हम भारत के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या कारण है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं ? उन्होंने कहा कि हम बातचीत के माध्यम से समाधान को तलाशें. उन्होंने कहा कि नहीं तो हमारा हश्र भी गाजा की तरह होगा, जहां इजराइल ताबड़तोड़ हमले कर रहा है.

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हाल के दिनों में बढ़े हैं आतंकी हमले
गौरतलब है कि बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला कर दिया था. जिसमें पांच सैनिक शहीद हो गये थे. इस हमले में दो अन्य घायल भी हुए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया. इसके अगले दिन अखनूर से भी आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश थी. हालांकि जवानों की गोलीबारी में एक आतंकी ढेर हो गया था और बाकी तीन अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार चले गये थे.