दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया. इसको लेकर देश-दुनिया में भारत की जमकर प्रशंसा हो रही है. जी20 शिखर सम्मेलन में भारत को बड़ी कामयाबी तब हासिल हुई, जब इस प्रभावशाली समूह ने 37 पृष्ठों के घोषणापत्र को सर्वसम्मति के साथ अपना लिया. जी20 को लेकर जहां बीजेपी मोदी सरकार की सबसे बड़ी सफलता बता रही है, तो विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. इस बीच जी20 में खर्च को लेकर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार ने जी20 शिखर सम्मेलन में बजट में जितनी धनराशि आवंटित की गयी थी, उससे 300 प्रतिशत अधिक पैसे खर्च कर दिये. तो आइये दावे की सच्चाई के बारे में जानें.

तृणमूल नेता साकेत गोखले ने जी20 में खर्च को लेकर किया दावा, सोशल मीडिया में मैसेज वायरल

जी20 शिखर सम्मेलन में खर्च को लेकर तृणमूल नेता साकेत गोखले ने सोमवार को दावा किया कि पिछले केंद्रीय बजट में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए 990 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन सरकार ने वास्तव में 4,100 करोड़ खर्च किए. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, बीजेपी को यह अतिरिक्त 3110 करोड़ का भुगतान क्यों नहीं करना चाहिए. यह स्पष्ट रूप से 2024 के चुनावों के लिए मोदी के स्वयं-विज्ञापन और व्यक्तिगत पीआर के लिए गैर-जरूरी खर्च था.

सरकार ने टीएमसी नेता के दावे को किया खारिज

सरकार ने जी-20 पर तृणमूल नेता साकेत गोखले के दावे को खारिज कर दिया कि जी20 के लिए आवंटित बजट 300% से अधिक था. पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया कि दावा भ्रामक है क्योंकि स्थायी संपत्ति निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च किया गया है – केवल जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी तक सीमित नहीं है.

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कांग्रेस ने भी खर्च को लेकर मोदी सरकार पर बोला हमला

कांग्रेस ने भी इसे मुद्दा बनाया और पीएम मोदी पर ‘दिखावे’ के लिए अधिक खर्च करने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स पर एक मिनट 56 सेकेंड का एक वीडियो शेयर किया और आरोप लगाया कि G-20 के लिए मोदी सरकार का बजट था 990 करोड़ रुपये और उड़ा दिए 4100 करोड़ रुपये. कांग्रेस ने आगे आरोप लगाया, जनता की मेहनत की कमाई को मोदी सरकार ने अपनी छवि चमकाने में उड़ाई.

जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद अब घरेलू मुद्दों पर ध्यान दे सरकार: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महंगाई, बेरोजगारी और कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद अब मोदी सरकार को घरेलू मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने यह दावा भी किया कि जनता ने इस सरकार की विदाई का रास्ता बनाना शुरू कर दिया है. खरगे ने आरोप लगाया, मोदी सरकार के कुशासन में भ्रष्टाचार की बाढ़ आ गई है. कैग ने कई रिपोर्ट में भाजपा की पोल खोली है, जम्मू-कश्मीर में 13,000 करोड़ रुपये का जल जीवन घोटाला सामने आया है, जिसमें एक दलित आईएएस अधिकारी को इसलिए प्रताड़ित किया गया, क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार उजागर कर दिया.