लोकसभा चुनाव में आयोग द्वारा जारी मतदान के आंकड़ों को गलत बताने और उस पर सवाल उठाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आरोप को निराधार बताया है.आयोग ने ऐसे बयान से बचने की सलाह देते हुए कहा है कि इससे मतदाताओं की भागीदारी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

आयोग द्वारा जारी मतदान के आंकड़े पर उठाये थे सवाल 

 आयोग की ओर से कहा गया है कि यह चुनाव कार्य को बाधित करने का प्रयास है. खरगे ने सात मई को इंडिया गठबंधन के नेताओं को पत्र लिखकर आयोग द्वारा जारी मतदान के आंकड़ों पर सवाल उठाये थे. उन्होंने कथित धांधली का आरोप लगाते हुये विपक्षी गठबंधन के नेताओं से अपील की थी कि वे ऐसी धांधलियों के खिलाफ आवाज उठायें. खरगे ने अपने पत्र में लिखा था कि ‘हम सभी जानते हैं कि पहले दो चरणों में मतदान के रुझानों को देखते हुए पीएम मोदी और भाजपा परेशान है. पूरा देश जानता है कि यह  सरकार सत्ता के नशे में चूर है और अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. 

आयोग ने खरगे के आरोप को निराधार बताया

हालांकि चुनाव आयोग ने मतदान से जुड़ा डेटा जारी करने के संबंध में कांग्रेस के आरोप को निराधार बताया है. चुनाव आयोग ने कहा कि इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में भ्रम पैदा होता है.आयोग ने कहा कि ऐसे बयानों से चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. राज्यों में बड़ी चुनावी मशीनरी इससे हतोत्साहित भी हो सकती है.

दो बार डेटा जारी करने पर कांग्रेस ने लगाये आरोप

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान प्रतिशत और डेटा साझा करने में हुई देरी पर विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं. पहले जारी आंकड़े में  दो चरणों में मतदान प्रतिशत कम रहा. लेकिन बाद में मतदान के कई घंटे बाद आयोग ने  मतदान प्रतिशत के नये आंकड़े जारी किये, जिसमें मतदान प्रतिशत में 5-6 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी. इस पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि आंकड़े जारी करने में इतनी देरी क्यों लगी? विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया. इसी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी विपक्षी पार्टियों काे पत्र लिखकर आयोग द्वारा जारी आंकड़ों पर सवाल उठाया था.