दिल्ली समेत देश के अलग अलग हिस्सों में सोमवार को ईद मनाई जाएगी और रविवार को यानी आज आखिरी रोज़ा लोगों ने रखा है. इधर, जम्मू-कश्मीर में ईद आज मनाई जा रही है. लॉकडाउन के बीच जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही आवाजाही की अनुमति है जबकि यहां दुकानें बंद हैं. लोग अपने घरों में रहकर ईद मना रहे हैं. केरल से भी तसवीरें सामने आ रहीं हैं. यहां मलप्पुरम में कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर लोगों ने ईद की नमाज़ अपने घरों पर ही अदा की. लोग लॉकडाउन और जारी किए गए सभी जरूरी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर दिल्ली की दो ऐतिहासिक मस्जिदों के शाही इमामों ने ऐलान किया कि शनिवार को कहीं से भी चांद दिखने की खबर नहीं मिली. इसलिए ईद-उल-फित्र का त्यौहार सोमवार को मनाया जाएगा. फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने बताया कि शनिवार को दिल्ली में चांद नहीं दिखा और न ही चांद दिखने की कहीं से खबर या गवाही मिली. इसलिए रविवार को 30वां रोजा होगा और शव्वाल (इस्लामी कलेंडर का 10वां महीना) की पहली तारीख सोमवार को होगी. शव्वाल के महीने के पहले दिन ईद होती है.

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वहीं जामा मस्जिद के इमाम सईद अहमद बुखारी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कहीं से भी चांद दिखने की कोई खबर नहीं है. उन्होंने कहा कि असम, कर्नाटक, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, मुंबई, चेन्नई में संपर्क कर चांद के बारे में जानकारी ली गई थी लेकिन कहीं से भी चांद दिखने की खबर नहीं है. उधर, मुस्लिम संगठन इमारत ए शरीया ने भी ऐलान किया है कि शनिवार को चांद नहीं दिखा है और रविवार को आखिरी रोजा होगा. ईद 25 मई को मनाई जाएगी.

आपको बता दें कि रमज़ान के महीने में रोज़ेदार सुबह सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं. यह महीना ईद का चांद नजर आने के साथ खत्म होता है. हाल में मुफ्ती मुकर्रम ने लॉकडाउन के मद्देनजर एक वीडियो जारी कर मुसलमानों से ईद की नमाज़ घर में अदा करने और फित्रा (दान) अदा करने की अपील की था. उन्होंने कहा था कि ईद उल फित्र के मौके पर घर में सुबह ईद की तैयारी करें और कुछ मीठी चीज खाएं. चार रकात नमाज़-नफील चाश्त (विशेष नमाज़) अदा कर लें. इसके बाद अल्लाह से दुआ करें.

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शाही इमाम ने कहा था कि इसी तरह से ईद उल फित्र पर सदा ए फित्र (दान) अदा किया जाता है. मुसलमान, परिवार के प्रति सदस्य 55 रुपये फित्र अदा करें और गरीबों को तलाश करके यह पैसे दें.