‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
DUSU Election: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में छात्र संगठनों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने में मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट में मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने वाले छात्र नेताओं की उम्मीदवारी रद्द करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी करने का आदेश दिया. साथ ही अदालत ने छात्र संघ चुनाव के दौरान लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की खुलेआम अवहेलना करने में मामले में विश्वविद्यालय के मुख्य चुनाव अधिकारी को बुधवार को पीठ के समक्ष पेश होने को कहा. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश तुषार राव की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस, डीएमआरसी, नगर निगम को 24 घंटे के अंदर सार्वजनिक संपत्तियों पर लगे होर्डिंग और पोस्टर हटाने का आदेश दिया और एवज में होने वाले खर्च की वसूली छात्र संगठनों से करने को कहा. गौरतलब है कि सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों पर सख्ती से अमल करने को लेकर अधिसूचना जारी की थी. ऐसे नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही गयी है.
नियम का पालन नहीं करने वाले उम्मीदवार पर हो सख्त कार्रवाई
छात्र संघ चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को गंदा करने में वकील प्रशांत मनचंदा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. मनचंदा ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव 27 सितंबर को होने वाला है, ऐसे में इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए. छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने सार्वजनिक संपत्ति को पोस्टरों से पाट दिया है. ऐसा करने से अभी नहीं रोका गया तो पूरी दिल्ली को गंभीर नुकसान पहुंचेगा. सुनवाई के दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस, नगर निगम, डीएमआरसी और विश्वविद्यालय प्रशासन को कड़ी फटकार लगायी. अदालत ने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछा कि पोस्टरों पर जिनके नाम हैं, उन्हें नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया. अदालत ने नगर निगम, दिल्ली पुलिस और डीएमआरसी के रवैये पर हैरानी जताई और कहा कि ऐसा लगता है कि विभागों में समन्वय नहीं है.