देहरादून : उत्तराखंड में कांवड़ मेला प्रतिबंधित होने के बावजूद कांवड़ लेकर हरिद्वार पहुंच रहे यात्रियों को वापस भेजा जा रहा है. इधर, नैनीताल हाई कोर्ट ने भी पर्यटन स्थलों पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं किये जाने को लेकर चारधाम की यात्रा पर 18 अगस्त तक रोक लगा दी है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उत्तराखंड के पुलिस उपमहानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने बुधवार को कहा कि कांवड़ मेला प्रतिबंधित होने के बावजूद सड़क और ट्रेन से हरिद्वार पहुंच रहे कांवड़ यात्रियों को जनपद सीमा पर बस और ट्रेनों में बैठा कर वापस भेजा जा रहा है.

इससे पहले, नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तराखंड में पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 के एसओपी का पालन नहीं करने को लेकर प्रदेश सरकार को फटकार लगायी. अदालत ने महामारी को देखते हुए 18 अगस्त तक चारधाम यात्रा पर भी रोक लगा दी है.

मालूम हो कि उत्तराखंड सरकार ने एक दिन पहले ही कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश में जारी कोविड कर्फ्यू को एक सप्ताह का विस्तार दिया है. यह 27 जुलाई, 2021 से शुरू होकर चार अगस्त, 2021 की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा.

गाइडलाइन में कहा गया है कि बाहरी राज्यों से उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव आनेवाले प्रवासियों को भी अनिवार्य रूप से सात दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा. इसके अलावा कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक का प्रमाणपत्र जरूरी होगा. ऐसा नहीं होने पर पिछले 72 घंटों में कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट होने पर ही राज्य में प्रवेश की अनुमति होगी.

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने भी कहा था कि उत्तराखंड सरकार ने कांवड यात्रा को पहले ही रद्द कर दिया था. इसके अंतर्गत किसी भी कांवड यात्री को प्रदेश के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है. हालांकि, उत्तराखंड आनेवाले पर्यटकों को आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट दिखानी होगी.