‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने MCD कर्मचारियों को वेतन भगुतान नहीं करने को लेकर तीनों नगर निगमों और अधिकारियों को खरी-खरी सुनायी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने MCD कर्मचारियों को वेतन मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम की जमकर खिंचाई करते हुए कहा कि अगर ऐसे मामलों में नेताओं और अधिकारियों की पिटाई हो जाए तो उस हैरानी नहीं होगी.
MCD कर्मचारियों को वेतन मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने राजनेताओं द्वारा दिए गए “गैरजिम्मेदाराना बयानों” की वजह से नाराजगी जताई. न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने टिप्पणी की, “लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सभी तरह के गैरजि म्मेदाराना बयान दे रहे हैं, भले ही इससे समाज को और लोगों को कितना नुकसान हो रहा है. ” कोर्ट ने सख्त लहजे में निर्देश देते हुए कहा कि जल्द ही वेतन और पेंशन का भुगतान किया जाए जिसमें डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी शामिल हैं.
बता दें कि न्यायमूर्ति विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ दिल्ली नगर निगम (MCD) और विशेष रूप से उत्तर दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन (Salary) और पेंशन का भुगतान नहीं करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. हाईकोर्ट ने कहा कि धन की कमी बहाना नहीं हो सकता और वेतन पाने का अधिकार भारत के संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है. उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को निर्देश धन को 2 सप्ताह के भीतर उन्हें लौटाया जाए.