आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. जबकि इसी मामले में दिल्ली पुलिस को कोर्ट से झटका लगा है.

सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को दी चुनौती

मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट के दो आदेशों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. हाई कोर्ट ने इन मामलों में उनकी अलग-अलग जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं. हाई कोर्ट ने 30 मई को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं तथा 18 विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं और गवाह ज्यादातर लोक सेवक हैं, इसलिए गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.

दिल्ली पुलिस को कोर्ट से झटका, सुनवाई के दौरान सशरीर मौजूद रहें सिसोदिया

कोर्ट से दिल्ली पुलिस को झटका लगा है. पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए याचिका दायर की थी, जिसमें गुहार लगाई गयी थी कि सिसोदिया की सुरक्षा को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी की इजाजत दी जाए. इसपर सिसोदिया के वकील ने दलील दी कि यह उनका अधिकार है कि सुनवाई के दौरान खुद मौजूद रहें. कोर्ट ने पुलिस की अर्जी खारिज कर दी. अब सुनवाई के दौरान सिसोदिया को सशरीर मौजूद रहना होगा. इस मामले में अब अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.

सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को किया था गिरफ्तार

गौरतलब है कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था. सीबीआई ने उन्हें घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं. उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिसोदिया को धनशोधन मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया था.