Delhi Excise Policy Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा. कोर्ट ने साफ कहा कि सीबीआई की कार्रवाई में कोई दुर्भावना नहीं है. सीबीआई ने जो आरोप लगाए हैं, उसके अनुसार आप सुप्रीमो कैसे उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा सकते हैं.

केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं: कोर्ट

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अरविंद केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि मैगसायसाय पुरस्कार विजेता और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं.

गवाह केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह बनने का साहस जुटा पाए

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने अपने 48 पन्नों के फैसले में कहा, गवाहों पर उनका नियंत्रण और प्रभाव प्रथम दृष्टया इस तथ्य से पता चलता है कि ये गवाह याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह बनने का साहस जुटा सके, जैसा कि विशेष अभियोजक ने उजागर किया है. कोर्ट ने कहा कि अपराध के तार पंजाब तक फैले हुए हैं, लेकिन केजरीवाल के पद के कारण उनके प्रभाव की वजह से महत्वपूर्ण गवाह सामने नहीं आ रहे थे. न्यायाधीश ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाह अपने बयान दर्ज कराने के लिए आगे आए.

केजरीवाल की याचिका को कोर्ट ने किया खारिज

हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि पर्याप्त साक्ष्य एकत्र किए जाने और अप्रैल, 2024 में मंजूरी मिलने के बाद ही एजेंसी उनके खिलाफ आगे की जांच में जुटी.

केजरीवाल के वकील ने कोर्ट के सामने क्या दलील दी?

सीएम केजरीवाल के वकील ने दलील दी थी कि सीबीआई ने अगस्त 2022 में प्राथमिकी दर्ज की थी और पिछले दो सालों से जांच चल रही है. उन्होंने कहा था कि गिरफ्तारी ज्ञापन में कोई नया सबूत या आधार नहीं है जो इस साल जून में उनकी गिरफ्तारी को सही ठहरा सके.

26 जून को सीबीआई ने सीएम केजरीवाल को तिहाड़ जेल से किया था गिरफ्तार

अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में न्यायिक हिरासत में बंद थे. मुख्यमंत्री को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था और धन शोधन मामले में निचली अदालत ने 20 जून को उन्हें जमानत दे दी थी. हालांकि, हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को उन्हें धन शोधन मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी.

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