‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Delhi Election: दिल्ली चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में गांठ पड़ती दिख रही है. कांग्रेस नेता अजय माकन का केजरीवाल को देशद्रोही कहने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. यही नहीं युवा कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के लोगों को गुमराह करने के लिए मुकदमा दर्ज कराने को लेकर भी आम आदमी पार्टी बिफर गयी है. गुरुवार को आम आदमी ने कहा कि अगर माकन के खिलाफ कांग्रेस ने 24 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं की तो पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों से कांग्रेस को बाहर करने के लिए बातचीत करेगी. बुधवार को दिल्ली कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र जारी किया था.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा था कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन कर गलती की है. साथ ही उन्होंने केजरीवाल को देशद्रोही और फर्जीवाल करार दिया था. गौरतलब है कि माकन शुरू से ही केजरीवाल के साथ गठबंधन के खिलाफ रहे हैं. माकन के बयान को लेकर गुरुवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस पर भाजपा से सांठगांठ करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि अगर केजरीवाल देशद्रोही है तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पार्टी के साथ गठबंधन क्यों किया. ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस और भाजपा मिल गए हैं. संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली चुनाव में भाजपा को मदद करने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रही है.
आखिर कांग्रेस से क्यों नाराज है आप
दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होना है. दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव कांग्रेस और आप ने मिलकर लड़ा था. आप और कांग्रेस इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में भी आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कोशिश हुई, लेकिन सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण गठबंधन नहीं हो पाया और दोनों दलों ने अकेले चुनाव लड़ा. हरियाणा में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. फिर महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई. इस हार के बाद इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हुई. इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इंडिया गठबंधन की अगुवाई करने की बात कही. जिसका अरविंद केजरीवाल ने समर्थन किया और इसके लिए इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों को भी मनाने की पहल की.
कांग्रेस को केजरीवाल की यह बात रास नहीं आयी. कांग्रेस का मानना है कि केजरीवाल के साथ गठबंधन करने से उसका सियासी जनाधार कमजोर होगा. क्योंकि पंजाब में उसकी सीधी लड़ाई आप से है. सपा का आम को समर्थन देने के फैसले से भी कांग्रेस असहज है.ऐसे में दिल्ली विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने अकेले लड़ने का फैसला लिया और उम्मीदवारों की दो सूची जारी कर चुकी है. अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस के मजबूती से चुनाव लड़ने से आप को नुकसान होने का डर है.
अगर मुस्लिम और दलित मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस की ओर हुआ तो आम आदमी पार्टी को बड़ा सियासी नुकसान हो सकता है. कांग्रेस के इस रवैये से केजरीवाल परेशान है. इसलिए इंडिया गठबंधन से कांग्रेस को निकालने के लिए सहयोगी दलों से बात कहने की बात कर आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर दवाब बनाने की कोशिश कर रही है.