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Delhi Election 2025: दिल्ली में चुनाव को लेकर चर्चा गरम है सभी दल दल पूरी ताकत से तैयारी में लगे हुए हैं. दिल्ली चुनाव के विशेष खबर में आज बात हम दिल्ली प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री गुरुमुख निहाल सिंह के बारे में जानेंगे. गुरुमुख निहाल सिंह एक साल तक ही मुख्यमंत्री रहे और फिर दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बना कर विधानसभा भंग कर दिया गया. गुरुमुख निहाल सिंह दिल्ली के ब्रह्म प्रकाश यादव के बाद दूसरे मुख्यमंत्री थे.
साल 1952 में गुरुमुख निहाल सिंह ने लड़ा था पहली बार चुनाव
गुरुमुख निहाल सिंह ने दिल्ली की सत्ता फरवरी 1955 में संभाली और अक्टूबर 1956 तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे. गुरुमुख निहाल सिंह को दिग्गज कांग्रेस नेता गोविंद बल्लभ पंत का करीबी बताया जाता है और उनके कहने पर ही साल 1952 में वो चुनाव भी लड़े थे. गुरुमुख निहाल सिंह का जन्म आजादी से पूर्व 1895 को पंजाब प्रांत में हुआ था. वे लंदन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में बैचलर डिग्री हासिल किए और बाद वाराणसी के बीएचयू में शिक्षक बने थे. गुरुमुख निहाल सिंह ने देश के कई प्रतिष्ठित जगहों पर अपनी सेवा दी थी.
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कैसे मिला गुरुमुख निहाल सिंह को दिल्ली की कुर्सी(Delhi Election 2025)
गुरुमुख निहाल सिंह को पहले सरकार में विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया था. उस समय केंद्रीय गृह मंत्रालय का पदभार गुरुमुख निहाल सिंह के करीबी गोविंद बल्लभ पंत के पास था. कहा जाता है कि गोविंद बल्लभ पंत को तत्कालीन मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश यादव का स्वभाव अच्छा नहीं लगता था और उनके साथ अनबन बनी रहती थी. जब पार्टी में ब्रह्म प्रकाश यादव के साथ अनबन बढ़ गई तो कांग्रेस ने दिल्ली का मुख्यमंत्री बदल दिया और फिर गुरुमुख निहाल सिंह को दिल्ली अ दूसरा मुख्यमंत्री बना दिया गया.
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