‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Defence: भारतीय सेना के बीच विभिन्न स्तर पर बेहतर समन्वय बनाने के लिए लंबे समय से थिएटर कमांड के गठन को लेकर चर्चा हो रही है. इस बाबत कई दौर की बातचीत के बाद माना जा रहा है कि थिएटर कमांड के ऑपरेशनल फ्रेमवर्क का ब्लूप्रिंट तैयार किया है. सूत्रों के अनुसार अगले हफ्ते लखनऊ में होने वाले ज्वाइंट कमांडर्स कांफ्रेंस में इसे पेश किए जाने की संभावना है. कमांडर्स कांफ्रेंस में सीडीएस अनिल चौहान, तीनों सेना के प्रमुख के अलावा वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे. इस कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे. ऐसी संभावना है कि कांफ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री के समक्ष थिएटर कमांड के कामकाज को लेकर एक विस्तृत प्रजेंटेशन पेश किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि इस प्रेजेंटेशन में थिएटर कमांड के ऑपरेशनल पहलू के साथ उसके कामकाज के तरीके के बारे विस्तृत जानकारी दी जाएगी. सरकार की कोशिश इस साल के अंत तक थिएटर कमांड के गठन की है.
तीन थिएटर कमांड का है प्रस्ताव
थिएटर कमांड के गठन को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2019 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ(सीडीएस) का पद सृजित किया है. सीडीएस को यह जिम्मेदारी दी गयी कि वह तीनों सेना के बीच संयुक्त अभियान चलाने के लिए एक व्यवस्था तैयार करे. पिछले साल सितंबर महीने में थिएटर कमांड के गठन को लेकर मिले सुझावों पर फिर से विचार करने को कहा गया. इसके बाद सीडीएस ने फिर सुझाव मांगा और इन सुझावों के आधार पर थिएटर कमांड के गठन का व्यापक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है. देश में उत्तरी, पश्चिमी और समुद्री क्षेत्र के लिए थिएटर कमांड के गठन की योजना है. मौजूदा समय में तीनों रक्षा सेवा व्यक्तिगत परिचालन कमांड के तहत काम करती है. थिएटराइजेशन में तीनों सेवाओं के कर्मियों की विशिष्ट इकाइयों को एक ही थिएटर कमांडर के अधीन रखने की योजना है ताकि युद्ध या संघर्ष की स्थिति में वे एक एक इकाई के रूप में मिलकर काम कर सकें. थिएटर कमांड के गठन से उनके कर्मियों, संपत्तियों, बुनियादी ढांचे और रसद को एकीकृत किया जाएगा. जिससे वे तय सैन्य लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एकजुट होकर काम कर सकें.