DCGI : ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति दे दी. मालूम हो कि कि अब तक दो वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ को विशेषज्ञ समिति ने आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्‌वीट कर कहा है कि यह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है. DCGI ने भारत में बने दोनों वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. यह आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम है.

केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने देसी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को कुछ शर्तों के साथ आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देने की सिफारिश की है. मालूम हो कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की एक विशेषज्ञ समिति ने एक दिन पहले ही ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी. उम्मीद की जा रही है कि आज डीसीजीआई भारत में कोविड-19 के लिए वैक्सीन को मंजूरी दे देगा.

सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत में ‘कोविशील्ड’ के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को अनुमति देने की सिफारिश की है. मालूम हो कि सीडीएससीओ की एसईसी ने नये साल की शुरुआत में ही पहली और दूसरी जनवरी को बैठक की थी. इसके बाद औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को वैक्सीन की मंजूरी देने के अंतिम निर्णय के लिए सिफारिश की है. मालूम हो कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक द्वारा देश में कोवैक्सीन को विकसित किया गया है.

भारत बायोटेक ने शनिवार को कहा कि वह ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए 26 हजार स्वयंसेवकों के लक्ष्य के करीब है. कंपनी का यह बयान केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल में कोवैक्सीन के सीमित उपयोग की मंजूरी देने की सिफारिश के बाद आया है. भारत बायोटेक के वैक्सीन के लिए यह सिफारिश के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड के आपातकालीन इस्तेमाल के आवेदन को मंजूरी देने के एक दिन बाद की गयी है.

पूरे देश में शनिवार को हुए वैक्सीन के ड्राई रन का जायजा लेने के लिए दिल्ली के जीटीबी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोगों से कोविड-19 के टीके के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में ‘अफवाहों’ और ‘भ्रामक सूचना’ को लेकर गुमराह नहीं होने की अपील की है. साथ ही कहा कि वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा.

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