श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी आज हासिल हुई है. पुलिस ने जम्मू में आतंकी फंडिंग मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है और अब तक 6 आतंकवादियों को गिरफ्तार भी किया गया है. बताया जा रहा है आतंकवादी भारत को दहलाने की साजिश रच रहे थे.

आईजी मुकेश सिंह ने बताया, जम्मू में एक टेरर फाइनैंसिंग नेटवर्क जो लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को पैसे पहुंचने की कोशिश कर रहा है, इस खबर पर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) जम्मू ने मुदासिर फारूक भट से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान उसने लश्कर के साथ अपने संबंधों को स्वीकारा.

जम्मू पुलिस महानिरीक्षक ने बताया, हमारे पास 15 अगस्त को लेकर किसी भी आतंकी गतिविधि योजना के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन हां यह फिर से सक्रिय करने का प्रयास था और शायद, वे भविष्य में कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे थे.

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया, हमने एमएफ भट्ट से अधिक जानकारी एकत्र की और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 5 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. जिन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है उसमें, तौकीर अहमद भट, आसिफ भट, खालिद लतीफ भट, गाजी इकबाल और तारिक हुसैन मीर शामिल हैं.

दो दिन पहले जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया था कि केंद्रशासित प्रदेश में मानवरहित विमानों के जरिए हथियार और गोला-बारूद भेजने का पाकिस्तान ने एक नया तरीका अपना लिया है और विगत में इस तरह की कई घटनाओं का पर्दाफाश हुआ है.

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में वर्तमान में 200 से कम आतंकवादी सक्रिय हैं और इस साल अब तक सीमा पार से केवल 26 आतंकी ही इस केंद्रशासित प्रदेश में प्रवेश कर पाए हैं. सिंह ने कहा, पाकिस्तान ड्रोन (मानवरहित विमानों) के जरिए आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद भेजने की कोशिश करता रहा है. हमने विगत में ऐसी कई घटनाओं का पता लगाया है. पुलिस प्रमुख ने कहा कि इस तरह की घटनाएं कुपवाड़ा, हीरानगर, कठुआ और राजौरी में सामने आयीं. उन्होंने कहा कि विगत में जम्मू कश्मीर में ट्रक के जरिए हथियार भेजने के पाकिस्तान के एक और तरीके का पंजाब में पर्दाफाश हुआ था.

पुलिस महानिदेशक ने कहा, यहां मौजूद आतंकवादियों के लिए हथियारों की भारी कमी हो गई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए इस साल सीमा पार से गोलीबारी में वृद्धि कर दी है. सिंह ने कहा, सीमा पार से 2020 के पहले सात महीनों में 75 प्रतिशत अधिक गोलीबारी हुई है. इस जुलाई तक पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की 487 घटनाएं हुईं, जबकि 2019 में इसी अवधि के दौरान इस तरह की 267 घटनाएं हुई थीं.

Posted By – Arbind Kumar Mishra