नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से कहा कि वह नयी दिल्ली स्थित बंगला एक महीने के भीतर खाली कर दें क्योंकि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद वह आवासीय सुविधा पाने की हकदार नहीं हैं.

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वह एक अगस्त तक मौजूदा आवास ‘35 लोधी एस्टेट’ खाली कर दें और अगर ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें नियमों के मुताबिक किराये अथवा क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा. मंत्रालय ने यह भी कहा कि उन्हें यह आवास खाली करने के लिए जो भी समय लगेगा उस अवधि के किराये का भुगतान करना पड़ेगा. सरकार ने पिछले साल नवंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी तथा उन्हें जेड-प्लस श्रेणी सुरक्षा दी थी.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्‍या के बाद प्रियंका को मिला था बंगला

मालूम हो टाइप 6बी का यह आवास प्रियंका को 21 फरवरी, 1997 को आवंटित किया गया था क्योंकि उस वक्त उन्हें एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी. अधिकारी के मुताबिक जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा में आवास सुविधा का प्रावधान नहीं होता और ऐसे में उन्हें यह बंगला खाली करना पड़ेगा.


कांग्रेस ने कहा, ओछी हरकतों व हथकंडों पर उतर आयी है मोदी सरकार

इधर प्रियंका गांधी को नोटिस दिये जाने पर कांग्रेस ने नाराजगी जतायी है. कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला, उन्‍होंने कहा, भाजपा व मोदी सरकार की कांग्रेस नेत्रत्व से अंधी नफरत तथा प्रतिशोध की भावना जग जाहिर है. अब तो वह और ओछी हरकतों व हथकंडों पर उतर आए हैं. प्रियंका जी का मकान खाली कराने का नोटिस मोदी जी-योगी जी की बेचैनी दिखाता है. उन्‍होंने आगे लिखा, कुंठित सरकार के तुगलकी फैसलों से हम डरने वाले नहीं.

गांधी परिवार से वापस ली गयी SPG सुरक्षा, जमकर हुआ था बवाल

कांग्रेस ने गांधी परिवार से एसपीजी की सुरक्षा वापस लिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और यह मुद्दा संसद में भी उठाया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को प्रियंका गांधी की सुरक्षा को देखते हुए उनके आवास का आवंटन रद्द करने का फैसला वापस लेना चाहिए. कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि सरकार ने इस कदम के लिए यह समय क्यों चुना.

बहरहाल, ध्यान भटकाने के मकसद से उठाए गए कदमों का प्रियंका गांधी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. वह उत्तर प्रदेश की जनता की लड़ाई लड़ने के मिशन पर निकली हैं और रुकने वाली नहीं हैं. एक अधिकारी के अनुसार प्रियंका इस बंगले का 37000 रुपये मासिक किराया दे रही थीं. अधिकारी ने कहा, जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति सरकारी आवास का हकदार नहीं होता है.

अगर आवास संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीए) गृह मंत्रालय की ओर से किए गए सुरक्षा से जुड़े आकलन के आधार पर कोई सिफारिश करती है तो फिर अपवाद स्वरूप आवास की सुविधा दी जाती है. उन्होंने कहा कि सीसीए ने सात दिसंबर, 2000 को सुरक्षा के आधार पर सरकारी आवासों के आवंटन से जुड़े दिशानिर्देशों की समीक्षा की थी और यह फैसला किया था कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के अलावा किसी दूसरे को सुरक्षा के आधार पर आवास की सुविधा नहीं दी जाएगी. अधिकारी ने बताया, ऐसे आवंटन बाजार दर पर किए जाते थे जो सामान्य किराए से 50 गुना होता था. फिर जुलाई, 2003 में फैसला हुआ कि यह आवास पाए लोगों से सामान्य किराए का 20 गुना लिया जाए.

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मोदी सरकार पर हमलावर रही हैं प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चीन मुद्दे और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रही हैं. पेट्रोल-डीजल हो लेकर उन्‍होंने आरोप लगाया कि संकट के समय भी भाजपा सरकार जनता की जेब काटने में लगी है.

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posted by – arbind kumar mishra