नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने डॉ हर्षवर्धन और रमेश पोखरियाल निशंक के इस्तीफे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य राज्यमंत्री के इस्तीफे से स्पष्ट है कि मोदी सरकार महामारी का प्रबंधन करने में विफल रही है.

साथ ही कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री और शिक्षा राज्यमंत्री का इस्तीफा लिये जाने को लेकर भी मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए.

चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा है कि ”केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य राज्य मंत्री का इस्तीफा एक स्पष्ट स्वीकारोक्ति है कि मोदी सरकार महामारी के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है. इन इस्तीफे में मंत्रियों के लिए एक सबक है. अगर चीजें सही होती हैं, तो इसका श्रेय पीएम को जायेगा, अगर चीजें गलत हुईं, तो मंत्री पतनशील व्यक्ति होंगे. यह वह कीमत है, जो एक मंत्री निहित आज्ञाकारिता और निर्विवाद अधीनता के लिए चुकाता है.”

वहीं, एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा है कि ”यदि केंद्रीय शिक्षा मंत्री और उनके राज्यमंत्री को इस्तीफा देने के लिए कहा जाता है, तो यह नयी शिक्षा नीति के बारे में क्या कहता है, जिसका अनावरण बड़ी धूमधाम से किया गया था? एनईपी की राज्यों, राजनीतिक दलों, शिक्षाविदों, शिक्षकों, शिक्षाविदों और विद्वानों द्वारा आलोचना की गयी है. एनईपी को भी एग्जिट डोर दिखाया जाये.”

साथ ही कहा है कि ”हमें एक ऐसा एनईपी चाहिए, जो राज्यों के अधिकारों, विज्ञान की प्रधानता, उदार कलाओं के महत्व और क्षेत्रीय भाषाओं की केंद्रीयता को मान्यता दे. हमें एक ऐसे एनईपी की आवश्यकता है, जो मापने योग्य परिणामों पर जोर दे.”