‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
शिमला : दुनिया के सबसे ऊंचे शिंकुला टनल के लिए अमेरिकी हेलीकॉप्टर चिनूक ने उड़ानें भरनीं शुरू कर दीं हैं. जांस्कर रेंज में प्रस्तावित 13.5 किमी लंबी शिंकुला टनल का चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से एयरबोर्न इलेक्ट्रो मैग्नेटिक सर्वे शुरू हुआ. सर्वे की यह प्रक्रिया करीब एक सप्ताह तक जारी रह सकती है. इससे पहले वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने 500 किलो वजनी एंटीना को लिफ्ट कर स्तींगरी हेलीपैड में ट्रायल उड़ान भरी थी.
टनल को सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भारतीय सेना किसी भी मौसम में सरहदों तक पहुंच सकेगी. सर्दियों के दिनों में बर्फबारी के चलते मनाली-लेह मार्ग बंद हो जाता है. शिंकुला टनल के सर्वे का काम राइट्स कंपनी कर रही है.
शिंकुला टनल राष्ट्रीय उच्च मार्ग अधोसंरचना विकास प्राधिकरण की देखरेख में पूरी की जायेगी. अब सर्वे की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से शुरू हुई है. करीब 16600 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रा के नीचे से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी 13.5 किलोमीटर टनल होगी.
मालूम हो कि अटल टनल रोहतांग समुद्र तल से 10040 फीट की ऊंचाई पर बनी है. विशेषज्ञ टीम ने अल्टीट्यूडर, विंड स्पीड समेत कई तकनीकी पहलुओं को बारीकियों से जांचा. शिंकुला टनल लाहौल के अंतिम रिहायशी इलाके दारचा से करीब आठ किमी आगे पटसेउ से शुरू होगी.
शिंकुला टनल लद्दाख के कारगिल के उपमंडल जांस्कर में पहले गांव कर्ज्ञा से 10 किलोमीटर ऊपर निकलेगी. इस टनल के बनने से मनाली-कारगिल की दूरी करीब 250 किलोमीटर कम हो जायेगी. सफर में करीब एक दिन का वक्त कम हो जायेगा. लेह जाने की दिशा में यह टनल सेना के लिए बहुत अहम साबित होगी.