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नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़पों में 20 भारतीय जवानों के मारे जाने के बाद भारत और चीन के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि इस पूरे विवाद के पीछे चीन की बड़ी साजिश थी. ड्रैगन ने पूरी सोची-समझी साजिश के तहत गलवान घाटी में घटना को अंजाम दिया. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, चीन ने इस घटना के लिए पहले से योजना बनायी थी. उन्होंने बताया, चीन ने जमीनी हालात को बदलने की साजिश की है.
विदेश मंत्रालय की ओर कहा गया, विवाद निपटने के रास्ते पर था कि चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी में हमारे हिस्से की एलएसी पर ढांचा खड़ा करना चाहा. यह विवाद की जड़ बना और चीन ने पूरी तरह सोची-समझी और योजना बनाकर कार्रवाई की जिससे हिंसा हुई और दोनों ओर के सैनिक शहीद हुए.
विदेश मंत्री ने गलवान में हिंसक झड़प को लेकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष भारत का कड़ा विरोध दर्ज कराया. जयशंकर ने बताया कि चीनी पक्ष ने सोची समझी कार्रवाई की जो हिंसा और हताहतों के लिए जिम्मेदार हैं. विदेश मंत्री ने चेतावनी दी, गलवान घाटी में हुई अप्रत्याशित घटना से द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. भारत अपनी अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा, जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. पीएम मोदी ने कहा, भारत उकसाने पर यथोचित जवाब देने में सक्षम है.
दरअसल लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प के बाद बिगड़े हालात के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने फोन पर बात की. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात के बाद कहा, दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने के लिहाज से मतभेदों को सुलझाने के लिए संचार और समन्वय मजबूत करना चाहिए.
चीनी विदेश मंत्री ने कहा, दोनों पक्षों ने गलवान घाटी में झड़प के कारण बनी गंभीर स्थिति से सही तरीके से निपटने पर, दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्तर की बैठकों में आम-सहमति के संयुक्त अनुपालन पर, यथासंभव जल्द से जल्द जमीनी हालात शांत करने पर और दोनों देशों के बीच अब तक हुए समझौते के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने पर सहमति जताई.
posted by – arbind kumar mishra