नयी दिल्ली : अनुसूचित जाति के छात्रों की शिक्षा के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है. नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बुधवार को एससी के छात्रों के लिए 59 हजार करोड़ रुपये की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी. इस योजना से करीब चार करोड़ छात्र लाभान्वित होंगे.

अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में केंद्र सरकार की भागीदारी में पांच गुना की वृद्धि की गयी है. छात्रवृत्ति की राशि में 60 फीसदी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार देंगे.

केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने बुधवार को बताया कि केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये खर्च करेगी. शेष राशि राज्य सरकार द्वारा खर्च की जायेगी. अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के पुनरुद्धार को लेकर अत्याधुनिक आईटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत की जायेगी.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मुताबिक, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये छात्रों के बैंक खातों में डीबीटी के जरिये वित्तीय सहायता का हस्तांतरण किया जायेगा. इससे नियत समय पर भुगतान और समय पर सहायता की डिलीवरी हो पायेगी. साथ ही पात्रता, जाति की स्थिति, आधार आदि का सत्यापन भी हो पायेगा.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मुताबिक, उच्च शिक्षा में सबसे गरीब परिवारों के छात्रों के नामांकन के लिए अभियान चलाया जायेगा. अनुसूचित जाति के सबसे गरीब छात्रों तक पहुंच को प्राथमिकता दी जायेगी.

तीन या उससे अधिक अभाव वाले परिवार, ऐसे परिवार जहां एक या दोनों माता-पिता अशिक्षित हैं, राज्य सरकार-नगरपालिका-स्थानीय निकाय स्कूलों से पास होनेवाले ऐसे बेहद गरीब एक करोड़ 36 लाख छात्रों को अगले पांच वर्षों में इसमें शामिल किया जायेगा.