‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
CAA Updates : नागरिकता संशोधन नियम को लेकर जहां राजनीतिक बयानों का दौर जारी है. वहीं पाकिस्तानी शरणार्थी मामले पर कांग्रेस के रुख से नाराज हैं. इस बीच एक वीडियो सामने आया है जिसे न्यूज एजेंसी एएनआई ने जारी किया है. इस वीडियो में पाकिस्तानी शरणार्थी नजर आ रहे हैं जो सीएए के कार्यान्वयन पर बयानों को लेकर ‘इंडिया गठबंधन’ और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों ने बैरिकेड तोड़ दिए. पुलिस को उन्हें रोकने के लिए काफी बल का प्रयोग करना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट सीएए पर सुनवाई के लिए तैयार
इस बीच खबर है कि सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन नियमों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है. मामले की सुनवाई 19 मार्च को होगी. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने शीर्ष कोर्ट में तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया और कहा कि एक बार नागरिकता मिल जाने के बाद इसे वापस नहीं लिया जा सकता है.
विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन नियम को लेकर विपक्षी दल लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं. इसे लागू करने से पश्चिम बंगाल के साथ-साथ तमिलनाडु और केरल ने मना कर दिया है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उम्मीद व्यक्त की है कि सभी राज्य केंद्र का सहयोग करेंगे.
CAA पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई 19 मार्च को, IUML ने कहा, ‘नागरिकता मिलने के बाद वापस नहीं ले सकते’
अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भी हुआ प्रदर्शन
यहां चर्चा कर दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस प्रदर्शन को लेकर केजरीवाल ने कहा था कि कुछ पाकिस्तानियों ने मेरे घर के सामने प्रदर्शन किया. दिल्ली पुलिस के द्वारा इन्हें संरक्षण दिया गया. केजरीवाल के बयान से हिंदू शरणार्थी नाराज हैं. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं और बच्चे भी नजर आए थे.
विपक्ष पर बीजेपी ने किया हमला
इधर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा है कि धर्म के आधार पर पीड़ित, वंचित और जिहादियों के हाथों अत्याचार सह चुके असहाय लोगों को केंद्र की मोदी सरकार सीएए (CAA) के तहत नागरिकता दे रही है. लेकिन, कट्टरपंथियों का समर्थन करने वाली विपक्षी पार्टियां इसे एक मुद्दा बनाकर देश का माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रही हैं.