BRICS Meeting ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच मंगलवार को अहम बैठक हुई. आज की बैठक में अफगानिस्तान, ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी में वर्तमान विकास और साइबर सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों के संदर्भ में क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की गई. एनएसए अजित डोभाल ने ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक की अध्‍यक्षता की.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने बैठक के दौरान सीमा पार आतंकवाद और लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे समूहों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया. जिन्हें राज्य का समर्थन प्राप्त है और शांति व सुरक्षा को खतरा है. उच्च प्रतिनिधियों ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन द्वारा विचार के लिए ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान को अपनाया. साथ ही इसे लकेर सिफारिश की.

वहीं, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सूचनाओं के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान, साइबर क्राइम का मुकाबला करने और क्षमता निर्माण द्वारा सहयोग बढ़ाने के संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने पर सहमति हुई. इससे पहले भारत ने अगस्त 2021 में डिजिटल फोरेंसिक पर ब्रिक्स कार्यशाला की मेजबानी की थी.

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के एक हफ्ते बाद यह बैठक हुई. बैठक में रूसी एनएसए जनरल पेत्रुशेव, चीनी पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेइची, ब्राजील के सुरक्षा अधिकारी जनरल ऑगस्टो हेलेना रिबेरो परेरा और दक्षिण अफ्रीका के उप राज्य सुरक्षा मंत्री नसेडिसो गुडएनफ कोडवा ने भाग लिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ से निपटने में ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच गहरे सहयोग के लिए दृढ़ता से जोर देता रहा है.

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