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Rajya Sabha: बीजेपी के चार सदस्यों का कार्यकाल 13 जुलाई को समाप्त हुआ है. जिसके बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सीटें 90 से कम होकर 86 पर पहुंच गई हैं. यही नहीं NDA की संख्या भी बहुमत से कम हो गई है और 101 सीटों पर आ गई है. सोनल मानसिंह, महेश जेठमलानी, राकेश सिन्हा और राम शकल का कार्यकाल 13 जुलाई को समाप्त हुआ.
उपचुनाव के बाद बीजेपी की होगी वापसी
राज्यसभा में भले ही बीजेपी की सीटें कम हो गई हैं, लेकिन मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए होने वाले उपचुनाव के बाद भाजपा और उसके सहयोगी दल ना सिर्फ हालिया नुकसान की भरपाई कर सकेंगे बल्कि अपनी स्थिति को और भी मजबूत कर लेंगे. NDA को बिहार, महाराष्ट्र और असम में दो-दो सीटें वहीं हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में उसे एक-एक सीट जीतने का भरोसा है.
सरकार की ओर से चार नये सदस्यों को किया जाएगा मनोनीत
सरकार की ओर से चार नए सदस्यों को मनोनीत भी किया जाना अभी बाकी है. आम तौर पर मनोनीत सदस्य सत्ता पक्ष के साथ होते हैं. हालांकि किसी भी पार्टी से खुद को संबद्ध करने या ना करने को लेकर वे स्वतंत्र होते हैं. वे पारंपरिक रूप से उस सरकार के एजेंडे का समर्थन करते हैं जो उन्हें मनोनीत करती है.
राज्यसभा में पार्टियों की क्या है स्थिति
राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 226 है. इनमें भाजपा के 86, कांग्रेस के 26 और तृणमूल कांग्रेस के 13 सदस्य हैं. वर्तमान में 19 पद रिक्त हैं. कुल 245 सदस्यीय राज्यसभा में 19 सीटें खाली हैं. इनमें से चार जम्मू एवं कश्मीर से हैं. इस पूर्ववर्ती राज्य को 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. अभी वहां विधानसभा का गठन नहीं हुआ है.
कांग्रेस को तेलंगाना में जीत की उम्मीद
सत्तारूढ़ कांग्रेस तेलंगाना में एकमात्र सीट पर होने वाले उपचुनाव को जीतने की कोशिश में हैं. यह सीट भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के के केशव राव के इस्तीफे से खाली हुई है. राव अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। तेलंगाना में भले ही वह यह सीट जीत जाए लेकिन राजस्थान में उसका एक सीट गंवाना लगभग सुनिश्चित है क्योंकि यहां भाजपा के पास मजबूत बहुमत है. कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य के सी वेणुगोपाल के केरल में अलाप्पुझा से लोकसभा चुनाव जीतने के कारण राज्यसभा में राजस्थान की यह सीट खाली हुई है.
बीजेपी को हरियाणा में जीत की उम्मीद
बीजेपी को हरियाणा में एकमात्र सीट जीतने का भी भरोसा है जहां राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण खाली हुई सीट को भरने के लिए चुनाव होने हैं. कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे कुछ स्वतंत्र या क्षेत्रीय दलों से संबद्ध विधायकों का समर्थन मिल सकता है. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक विकल्प की तलाश कर रहे कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं और इस बदौलत वह राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर दे सकती है. निर्वाचन आयोग ने अभी तक 11 सदस्यों के इस्तीफे से रिक्त हुई 11 सीटों को भरने के लिए चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है. इनमें से 10 सदस्य लोकसभा के लिए चुने गए हैं जबकि बीआरएस के केशव राव ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस्तीफा दे दिया.
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