Election Result : पूर्वोत्तर में चला ‘घरे-घरे बीजेपी’ अभियान का मैजिक, जानें इस शानदार प्रदर्शन की 5 वजह
पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा को मिली जीत का श्रेय भाजपा ने विकास कार्यों को दिया है. केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने पहली बार देखा है कि केंद्र ने क्षेत्र में शांति और विकास लाने के लिए कितनी बारीकी और ईमानदारी से काम किया है
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नाॅर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों में हुए चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर अपना झंडा बुलंद किया है. त्रिपुरा और नगालैंड में भाजपा गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलता साफ नजर आ रहा है वहीं मेघालय में भी भाजपा गठबंधन का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है.
पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा को मिली जीत का श्रेय भाजपा ने विकास कार्यों को दिया है. केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने पहली बार देखा है कि केंद्र ने क्षेत्र में शांति और विकास लाने के लिए कितनी बारीकी और ईमानदारी से काम किया है, चाहे वह राजमार्ग बनाने जैसी बड़ी परियोजनाएं हों या उन्हें पेयजल, मुफ्त राशन और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना हो.
पूर्वोत्तर के राज्यों को मुख्यधारा से जोड़ा
इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा ने पूर्वोंत्तर में योजनाबद्ध तरीके से काम किया और कई ऐसे कार्य किये, जिसने यहां के लोगों को मुख्यधारा में लाया और उनके अंदर आत्मविश्वास का भाव पैदा किया है. रेलवे, वाटरवे और एयरवे का भरपूर विकास किया गया, जिससे कनेक्टविटी काफी बढ़ी है.
विकास कार्यों से संवरा पूर्वोत्तर
नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों यह कहा था कि हमारी सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों को अष्टलक्ष्मी देवी का स्वरूप मानती है. पीएम मोदी ने लगातार नाॅर्थ-ईस्ट का दौरा किया और यहां विकास कार्य करवाये. खासकर कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर पूरा जोर दिया गया. इस इलाके के विकास के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण करवाया गया. खेल को बढ़ावा दिया गया, उद्योग को बढ़ाया गया परिणाम सबके सामने है. मीराबाई चानू, हिमा दास जैसे खिलाड़ी इसके उदाहरण हैं.
चुनाव जीतने के लिए सही रणनीति
भाजपा ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनायी और कहीं कोई रिस्क नहीं लिया. त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव देव विवादों में आ गये थे, यही वजह थी कि पार्टी ने उन्हें हटाया और चुनाव से कुछ महीनों पहले ही माणिक साहा को सरकार की कमान सौंपी. बिप्लव देव से पार्टी कार्यकर्ता बहुत नाराज चल रहे थे, जिसे पार्टी ने समझा और अविलंब उन्हें पद से हटाया. वहीं नगालैंड में एनडीपीपी ( Nationalist Democratic Progressive Party) से चुनाव पूर्व गठबंधन किया. इस गठबंधन की वजह से ही पार्टी चुनाव जीतने में सफल रही है.
शिक्षा के अवसर बढ़ाये गये
पूर्वोत्तर के राज्यों में सरकार ने शिक्षा पर पूरा जोर दिया. आदिवासी क्षेत्रों में डेढ़ सौ से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल खोले गये. साथ ही इन विद्यालयों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती हुए जिसकी वजह से लोगों को रोजगार भी मिला. अटल सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए अलग से पूर्वोत्तर मंत्रालय का गठन किया था, ताकि इस इलाके का विकास हो और मोदी सरकार ने उस सपने को साकार किया.
पर्यटन से बढ़ी आम लोगों की आमदनी
पूर्वोत्तर के राज्य प्राकृतिक रूप से बहुत सुंदर हैं. सरकार ने आधारभूत संरचना के विकास पर बल दिया, तो पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिला. पर्यटकों के आने से प्रदेश की आमदनी बढ़ी और आम लोगों के पाॅकेट में भी पैसे आये, इससे आम आदमी बहुत खुश हुआ.