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केंद्र सरकार अपनी महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत बीमा कवर को दोगुना कर 10 लाख रुपये करने के प्रस्ताव पर काम कर रही है ताकि कैंसर और अंग प्रत्यारोपण जैसे महंगे इलाज में मरीजों की अधिक मदद की जा जके. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसकी घोषणा एक फरवरी को अंतरिम बजट भाषण में की जा सकती है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) से किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वालों,निर्माण कामगारों, गैर कोयला खनन कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं को अगले तीन साल में जोड़कर लाभार्थियों की संख्या 100 करोड़ करने की योजना बना रहा है.
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि पांच लाख रुपये से अधिक के खर्च की आवश्यकता वाली गंभीर बीमारियों जैसे प्रत्यारोपण और उच्च लागत वाले कैंसर उपचार आदि को भी एबी-पीएमजेएवाई के तहत कवर किया जाए. इसके लिए वित्तवर्ष 2024-25 से ही बीमित राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति परिवार के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने पर काम कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि बीमा कवर राशि 10 लाख प्रति परिवार और लाभार्थियों की संख्या 100 करोड़ करने की स्थिति में सरकार को हर साल प्रीमियम के रूप में 12,076 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा.
योजना 2018 में लागू की गई थी और अबतक 6.2 करोड़ मरीजों ने इसका लाभ लिया और 79,157 करोड़ रुपये से अधिक राशि का इलाज कराया. अधिकारी ने बताया कि अगर लाभार्थियों ने अपने स्तर पर यह इलाज कराया होता तो खर्च दोगुना तक होता. केंद्र ने वित्तवर्ष 2023-24 के बजट में आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के लिए 7,200 करोड़ रुपये का आवंटन किया था जो 2024-25 में दोगुना कर करीब 15,000 करोड़ रुपये किया जा सकता है. एबी-पीएमजेएवाई के तहत बने आयुष्मान कार्ड की संख्या 12 जनवरी को 30 करोड़ को पार कर गई थी.
सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश 4.83 करोड़ कार्ड के साथ शीर्ष पर है जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र क्रमशः 3.78 करोड़ और 2.39 करोड़ आयुष्मान कार्ड के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. देश के 11 राज्य है जहां पर आयुष्मान कार्ड की संख्या एक करोड़ से अधिक है. यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा कार्यान्वित की जा रही. इसका लक्ष्य 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपये प्रति परिवार का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना है.
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