Amarnath Yatra 2022 : बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु जाते हैं. बीते दो सालों से कोरोना महामारी की वजह से अमरनाथ यात्रा पर रोक लग गई थी. ऐसे में इस साल फिर से ये यात्रा शुरू हो रही है. इस बार अमरनाथ की यात्रा 30 जून से शुरू होगी, जो 43 दिनों के बाद 11 अगस्त 2022 यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी. जहां तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज उधमपुर पहुंच चुका है. सुरक्षा को लेकर डीसी कृतिका ज्योत्सना ने कहा कि जिले को पांच जोन में बांटा गया है. सिविल प्रशासन और पुलिस कर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया है. स्वच्छता परिसर स्थापित किए गए हैं.

उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने कही ये बात

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने भी आज सुबह जम्मू शहर के भगवती नगर आधार शिविर से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों की यात्रा के लिए रवाना किया. पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 43 दिवसीय तीर्थयात्रा गुरुवार को कश्मीर के दोनों आधार शिविरों से शुरू होगी और 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर इसका समापन होगा.


तीर्थयात्री कड़ी सुरक्षा व्यवस्था शिविर के लिए रवाना

कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद वार्षिक अमरनाथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. ‘बम बम भोले’ और ‘जय बर्फानी बाबा की’ के नारे लगाते हुए तीर्थयात्री कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वाहनों में भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुए. जम्मू के महापौर चंदर मोहन गुप्ता, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र राणा, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता सहित कई राजनेता और अधिकारियों के साथ, उपराज्यपाल ने तीर्थयात्रियों को कश्मीर के दोनों आधार शिविरों तक ले जाने वाली बसों और अन्य वाहनों के काफिले को झंडी दिखाकर रवाना किया.

उपराज्यपाल ने काफिले को किया रवाना

जम्मू के महापौर चंद्र मोहन गुप्ता ने पत्रकारों से कहा, ”जम्मू से तीर्थयात्रा शुरू हो गई है. उपराज्यपाल की ओर से हरी झंडी दिखाकर काफिले को यहां से कश्मीर के लिए रवाना किया गया है.” उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं. राजस्थान के बाड़मेर से आए एक तीर्थयात्री दलीप सिंह ने कहा, कोई डर नहीं है, कोई खतरा नहीं है, केवल पवित्र गुफा तक जल्दी पहुंचने और भगवान शिव के दर्शन करने का जुनून है. कानपुर की तीर्थयात्री आशा देवी ने कहा, ”हम पूरे देश के लोगों से यहां आने और पूजा करने का आग्रह करते हैं.”

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जम्मू में 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू शहर में 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ आधार शिविरों, ठहरने के स्थान, पंजीकरण और ‘टोकन’ केंद्रों पर और उसके आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. यात्रा 30 जून को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर के नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से शुरू होगी. अधिकारियों के अनुसार, वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए अभी तक तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है. (भाषा)