असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) मामले में शरद पवार गुट को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से तगड़ा झटका लगा है. अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को कहा कि अजित पवार की अगुवाई वाला समूह ही असली एनसीपी है. उन्होंने कहा, अजित गुट उस समय असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) था, जब पार्टी में जुलाई 2023 में दो गुट उभरे थे.

अजित पवार गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका को अध्यक्ष ने किया खारिज

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने असली एनसीपी मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, अजित गुट के विधायकों की अयोग्यता का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार नीत प्रतिद्वंद्वी खेमों द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर गुरुवार की शाम को अपना फैसला पढ़ना शुरू किया.

चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को अजित पवार गुट के पक्ष में सुनाया था फैसला

गौरतलब है कि इससे पहले 6 फरवरी को निर्वाचन आयोग ने किया था कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है. आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया था. चुनाव निकाय ने 140 पेज के आदेश में कहा था कि इस आयोग का मानना ​​​​है कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है और वह इसका नाम तथा चुनाव चिह्न घड़ी का उपयोग करने का हकदार है.

निर्वाचन आयोग ने शरद पवार गुट को नाम आवंटित किया

निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के पक्ष में फैसला सुनाने के दूसरे ही दिन शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह के लिए पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ आवंटित किया था. आयोग ने शरद पवार समूह से तीन नाम सुझाने को कहा था, जिनमें से एक को महाराष्ट्र में आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर आवंटित किया जा सके. शरद पवार समूह ने आयोग को तीन नाम – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदराव पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार का सुझाव दिया था. शरद पवार गुट ने अपने लिए चुनाव चिह्न ‘बरगद का पेड़’ भी मांगा था.

पिछले साल अजित पवार ने शरद पवार के साथ किया था बवागत

गौरतलब है कि अजित पवार पिछले साल जुलाई में राकांपा के अधिकतर विधायकों के साथ अलग हो गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले की खास बातें

  • अजित पवार गुट का फैसला ‘राकांपा राजनीतिक दल का’ होगा.

  • संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों का राजनीतिक दलों की ओर से दुरुपयोग किया जाना राकांपा के मामले में स्पष्ट है.

  • शरद पवार के फैसले पर सवाल उठाना या उनकी इच्छा की अनदेखी करना दल-बदल नहीं है.