देश की राजधानी दिल्ली में हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. दिल्ली में हवा रविवार को भी लगातार छठे दिन जहरीली धुंध छाई नजर आई. वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई (AQI) ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुका है. इस बीच दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने रविवार को कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण प्राथमिक स्कूल 10 नवंबर तक बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्कूल छठी से 12वीं तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास ली जा सकती है. दिल्ली में शनिवार शाम चार बजे एक्यूआई 415 रिकॉर्ड किया गया जो रविवार सुबह सात बजे और खराब होकर 460 पर पहुंच गया. दिल्ली में प्रदूषक तत्वों की मोटी परत जमी हुई है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की मानें तो 7 नवंबर तक जहरीली हवा से राहत की उम्मीद नहीं है.

हवा की गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में

दिल्ली के कुछ इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में पहुंच चुकी है, जिसमें सबसे अधिक वजीरपुर का एक्यूआई 633 रिकॉर्ड किया गया. बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर कुछ ठोस उपाय किये जा सकते हैं. बीते सप्ताह से दिल्ली-एनसीआर में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने के बाद, प्रदूषण में सहायक शांत हवा की उपस्थिति और पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है.

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चौथे चरण में क्या किया जाता है उपाय

वायु गुणवत्ता के चौथे चरण में पहुंचने के बाद कई तरह के उपाय किये जाते हैं. इसके तहत दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध, दिल्ली में राजमार्ग और सड़कों जैसी परियोजनाओं सहित निर्माण गतिविधियों को रोकना, दिल्ली में डीजल से चलने वाली गाड़ी और भारी माल वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध और हल्के वाहनों पर प्रतिबंध शामिल है.

आतिशी ने क्या लिखा सोशल मीडिया पर

आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होने की वजह से दिल्ली में प्राइमरी स्कूल 10 नवंबर तक बंद रहेंगे. स्कूलों को छठी से 12वीं तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास चलाने का ऑप्शन दिया गया है. यहां चर्चा कर दें कि इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली में सभी सरकारी और प्राइवेट प्राइमरी स्कूल बढ़ते प्रदूषण के कारण तीन और चार नवंबर को बंद रहेंगे.

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कहां कितना रिकॉर्ड किया गया AQI

आईएमडी के आंकड़ों पर गौर करें तो रविवार सुबह 7 बजे पालम में विजिबिलिटी 400 मीटर तक कम हो गई थी. सबसे अधिक AQI वजीपुर (633) में दर्ज किया गया, इसके बाद शादीपुर (492), द्वारका (490) और करणी सिंह शूटिंग रेंज (490) का स्थान नजर आया. सुबह 7 बजे पंजाबी बाग में AQI 510, मुंडका में 547, ITO में 411, लोधी रोड में 430 और ओखला में 499 था. आईएमडी की ओर से यह कहा गया है कि वर्तमान में दिल्ली की हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी है. इससे दिल्ली में पराली जलाने का प्रभाव दिखेगा. इस वक्त पूरे उत्तर-पश्चिम भारत, विशेषकर पंजाब में खेतों में आग बड़े पैमाने पर फैली हुई है.

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पंजाब में लगाई जा रही है आग

हिंदुस्तान टाइम्स ने जो रिपोर्ट जारी की है उसके अनुसार पंजाब में लगातार चौथे दिन 1,000 से अधिक आग लगने की घटनाएं दर्ज की गई, हालांकि इसमें गिरावट देखने को मिली है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में शनिवार को खेतों में आग लगने की 1,360 मामले रिकॉर्ड किये गये. बुधवार को सीजन की सबसे अधिक आग लगाने की घटना 1,921 रही. वहीं गुरुवार को 1,668 और शुक्रवार को 1,551 मामले रिकॉर्ड किये गये.

प्रदूषण को कम करने के लिए NDMC सिविक सेंटर के आसपास पानी का छिड़काव किया जा रहा है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक(AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है. दिल्ली प्रदूषण पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल पंजाब में कम पराली जलाई गई है. पंजाब की पराली के धुएं का दिल्ली पर उतना असर नहीं पड़ता जितना हरियाणा और उत्तर प्रदेश का पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि हवा में कोई हलचल नहीं है. अगर हवा चलेगी तो ही पंजाब का धुआं दिल्ली पहुंचेगा. अभी दिल्ली के चारों तरफ धुआं ही धुआं है. हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पराली का धुआं दिल्ली पहुंच रहा है.