लोकसभा चुनाव 2024 में अब अधिक दिन शेष नहीं रह गए हैं, लेकिन एडीए को हराने के लिए कांग्रेस की अगुआई में बनी I.N.D.I.A गठबंधन में अबतक सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाई है. पंजाब में जहां आम आदमी पार्टी सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने में अड़ी है, वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी एकला चलो की राग आलाप रही हैं. वैसे में कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सीट शेयरिंग पर कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने बड़ी बात कह दी है.

सीट शेयरिंग बहुत मुश्किल : जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मैं मानता हूं कि सीट शेयरिंग में थोड़ी देरी हुई है, लेकिन यह एक मुश्किल काम है क्योंकि हम कुछ पार्टियों के साथ राज्यों में लड़ रहे हैं. हमारा मुकाबला उनके साथ राज्यों में है.

मोदी सरकार को हराने के लिए बनी I.N.D.I.A गठबंधन : जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, I.N.D.I.A अलायंस 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए है. दिल्ली और पंजाब में हम आम आदमी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन हम राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट हैं, कि हमें बीजेपी को हराना है.

Also Read: ‘नरेंद्र मोदी शानदार इवेंट मैनेजर’, आडवाणी को भारत रत्न दिये जाने की घोषणा पर जयराम रमेश ने ऐसा क्यों कहा?

पश्चिम बंगाल और पंजाब में सीट शेयरिंग पर समस्या : जयराम रमेश

सीट शेयरिंग पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, डीएमके, एनसीपी, शिव सेना और समाजवादी पार्टी के साथ कोई समस्या नहीं है. कठिनाई तब होती है जब पश्चिम बंगाल और पंजाब की बात आती है. हमारे संगठन में भी लोग चाहते हैं कि हम ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ें. आम आदमी पार्टी और टीएमसी भी यही चाहते हैं. बीच का रास्ता निकाला जाएगा और कुछ ही दिनों में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.

Also Read: लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी के आगे कांग्रेस ने टेके घुटने? ममता बनर्जी के ऐलान के बाद जयराम रमेश ने कही ये बात

मोदी सरकार किसानों पर कर रही अन्याय : जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव(संचार) जयराम रमेश ने कहा, डॉ एमएस. स्वामीनाथन भारत रत्न थे, हैं और रहेंगे लेकिन बात ये है कि जो सरकार डॉ स्वामीनाथन को भारत रत्न देती है, चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देती है, वही सरकार किसानों पर इतने अन्याय करती है. किसान संगठनों की तीन या चार मुख्य मांग है. सबसे बड़ी मांग ये है कि जो खेती की लागत का अनुमान किया जाता है वो स्वामीनाथन के दिए हुए फॉर्मुले पर किया जाए और 1.5 गुना खेती की लागत को MSP घोषित किया जाए. MSP की परिभाषा मोदी सेलिंग प्राइस नहीं है.