19.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 10:49 pm
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

क्या हो सकती है लालू की आगे की रणनीति! जनता की अदालत में जायेंगे और कोर वोटर का करेंगे ध्रुवीकरण

Advertisement

-विजय बहादुर- राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार द्वारा कथित एक हजार करोड़ रुपये के बेनामी लैंड डील मामले में दिल्ली, गुड़गांव सहित उनके 22 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है. इस घटना ने लालू यादव की परेशानी बढ़ा दी है.पिछले दो महीने के राजनीतिक घटनाक्रम ने आरजेडी सुप्रीमो लालू […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

-विजय बहादुर-

राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार द्वारा कथित एक हजार करोड़ रुपये के बेनामी लैंड डील मामले में दिल्ली, गुड़गांव सहित उनके 22 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है. इस घटना ने लालू यादव की परेशानी बढ़ा दी है.पिछले दो महीने के राजनीतिक घटनाक्रम ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को फिर से राजनीतिक और व्यक्तिगत रूप से परेशानी में डाल दिया है. पहले सुशील मोदी ने मिट्टी घोटाला सामने लाने का दावा किया. फिर लालू और उनके परिवार के द्वारा अवैध रूप से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया. इसके बाद एक निजी चैनल ने जेल में बंद शहाबुद्दीन की लालू प्रसाद के साथ फोन पर बातचीत का ऑडियो सामने लाया गया और अब उनके दिल्ली और गुड़गांव स्थित 22 ठिकानों पर आयकर की छापेमारी हुई है.

- Advertisement -

लालू की बढ़ी मुश्किलें, मुखौटा कंपनियों के जरिये बेटी के नाम दिल्ली में खरीदी करोड़ाें की प्रॉपर्टी

बातचीत का टेप प्रसारित होने के दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में लालू और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का केस चलाने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने लालू की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने हाइकोर्ट से उन्हें मिले राहत के आधार पर दोबारा मुकदमा शुरू करने की सीबीआइ की अपील को खारिज करने की मांग की थी. दूसरी तरफ, भाजपा महागंठबंधन में दरार डालने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है. लब्बोलुआब यह है कि लालू प्रसाद और उनकी पार्टी बहुत ही संकट के दौर से गुजर रही है.

वर्ष 2005 से 2015 तक का कालखंड आरजेडी के लिए चुनावी दृष्टिकोण से खास नहीं रहा. पार्टी के कोर वोटर यादव और मुसलिम के अलावा अति पिछड़ों और पसमांदा मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग जदयू और भाजपा की ओर शिफ्ट हो गया. राजद का वोट 25 से लेकर 28 प्रतिशत के आसपास ठहर गया, जो जदयू और भाजपा गंठबंधन को हराने के लिए नाकाफी था. राजद के कोर वोटरों में भी वर्ष 2014 में भारी बिखराव हुआ और नरेंद्र मोदी की आंधी में इन वोटों का बहुत बड़ा हिस्सा भाजपा के हिस्से में चला गया.

लालू की बड़ी प्लानिंग, तेजस्वी को दे सकते हैं पार्टी के अंदर यह अहम जिम्मेदारी !

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन बना, तो राजद ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया. लालू प्रसाद को समझ में आ चुका था कि जब तक अपने कोर वोटर्स का ध्रुवीकरण नहीं करेंगे, चुनावों में जीत मुश्किल है. पटना के गांधी मैदान में आयोजित रैली में उन्होंने अपने इस इरादे को जाहिर कर दिया. फिर टिकट के बंटवारे में भी यादवों और मुसलमानों को प्राथमिकता दी गयी. राजद ने बहुत कम सवर्ण उम्मीदवार मैदान में उतारे. पार्टी ने एक भी भूमिहार प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि 1990 से 2000 तक की लालू यादव की राजनीति में बीच का कोई रास्ता नहीं था. उनके समर्थक और विरोधी दोनों बेहद आक्रामक थे. इसलिए माय (एमवाइ यानी मुसलिम और यादव) समीकरण ने हर बार काम किया और लालू प्रसाद ने बिहार पर एकछत्र राज किया. वर्ष 2000 के बाद लालू की आक्रामकता में कमी आयी और इसकी वजह से उनके कोर वोटर बिखर गये और वर्ष 2005 में राजद सत्ता से बेदखल हो गया.

जब लालू प्रसाद यादव ने अमर सिंह को कहा- ‘कठफोड़वा’

2015 में अपने बेटों तेजस्वी और तेजप्रताप को लालू यादव ने आगे कर राजद की छवि बदलने की भरसक कोशिश की. लेकिन, हालिया घटनाक्रम और वर्ष 2019 के आम चुनाव के मद्देनजर लालू के लिए जरूरी हो गया है कि वे अपने कोर वोटरों की पूंजी को बचाये रखें, क्योंकि यही वोट बैंक उन्हें किसी भी संकट से उबार सकता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें