‘आतंकी वित्तपोषण, कालाधन पर काबू पाने को पैन के लिए अनिवार्य किया गया आधार”

नयी दिल्ली: सरकार ने मंगलवारकोसुप्रीमकोर्ट को बताया कि पैन कार्ड के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया ताकि फर्जी पैन कार्ड पर अंकुश लग सके क्योंकि इसका इस्तेमाल आतंकवाद के लिए वित्तपोषण और कालाधन में हो रहा था. इसके साथ ही सरकार ने निजता पर जतायी गयी चिंताओं को भी ‘फर्जी’ बताया. सरकार ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2017 11:00 PM
an image

नयी दिल्ली: सरकार ने मंगलवारकोसुप्रीमकोर्ट को बताया कि पैन कार्ड के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया ताकि फर्जी पैन कार्ड पर अंकुश लग सके क्योंकि इसका इस्तेमाल आतंकवाद के लिए वित्तपोषण और कालाधन में हो रहा था. इसके साथ ही सरकार ने निजता पर जतायी गयी चिंताओं को भी ‘फर्जी’ बताया. सरकार ने कहा कि आधार लाने के पीछे का मकसद एक ‘सुरक्षित और मजबूत प्रणाली’ बनाना था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी व्यक्ति की पहचान को फर्जी नहीं बनाया जा सके.

अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ से कहा कि काला धन का इस्तेमाल मादक पदार्थों तथा आतंकवाद के वित्तपोषण में किया जा रहा है. इसलिए एक ऐसी और मजबूत प्रणाली लाने का फैसला किया गया जिससे एक व्यक्ति की पहचान को फर्जी नहीं बनाया जा सकता. पैन कार्ड के लिए आधार को अनिवार्य बनाये जाने के फैसले को दी गयी चुनौती का विरोध कर रहे शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा कि भारत में 29 करोड़ पैन कार्ड में से 10 लाख कार्ड को रद्द किया गया क्योंकि पता लगा कि कई लोगों के पास एक से ज्यादा कार्ड थे और उनका उपयोग गलत गतिविधियों में किया जा रहा था जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा था.

उन्होंने कहा कि अभी तक देश में 113.7 करोड़ आधार कार्ड जारी किए गए हैं और सरकार को दोहरे कार्ड का कोई मामला नहीं मिला है क्याेंकि आधार में प्रयुक्त बायोमीट्रिक प्रणाली ऐसी एकमात्र प्रणाली है जो पूरी तरह ‘सुरक्षित’ है. शीर्ष अदालत आयकर कानून की धारा 139एए की सांविधानिक वैधता को चुनौती देनेवाली तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. यह धारा नये बजट और वित्त कानून, 2017 में लागू की गयी है.

धारा 139एए में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आधार कार्ड की संख्या लिखना या आधार आवेदन के कार्ड हेतु पंजीकरण की जानकारी देना और पैन नंबर के आबंटन के आवेदन के साथ आधार का विवरण देना इस साल एक जुलाई से अनिवार्य कर दिया गया है. रोहतगी ने दावा किया कि आधार की वजह से सरकार ने गरीबों के लाभ की योजनाओं और पेंशन योजनाओं के लिए 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है. अटाॅर्नी जनरल ने कहा कि आधार कार्ड आतंकी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने की समस्या और काले धन के प्रचलन पर अंकुश लगाने का एक प्रभावी तरीका है.

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं श्याम दीवान और अरविंद दातार ने इससे पहले दलील दी थी कि धारा 139एए असंवैधानिक है और यह आधार कानून के साथ ‘सीधे टकराव’ में है. दीवान ने यह भी दलील दी थी कि किसी व्यक्ति को आधार के लिये सहमति देने हेतु बाध्य करने का सवाल ही नहीं उठता और यह एक ऐसा मुद्दा है जो लोकतांत्रिक भारत के अपने नागरिकों के साथ रिश्तों को बदलता है.

Exit mobile version